महाकुम्भ-2025 पर चर्चा : त्याग, तप, तर्पण, अर्चना, पूजा का सांस्कृतिक केन्द्र है भारत का महाकुम्भ
बीकानेर, 4 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर एवं महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में इंडिया थिंक काउन्सिल की पहल पर महाकुंभ-2025 पर चर्चा के लिए गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के मुख्य अतिथि विमर्शानन्दगिरी जी महाराज, अधिष्ठाता, लालेश्वर महादेव ने कहा कि संसार में मनुष्यता सबसे श्रेष्ठ है और मनुष्यता को उजागर करने का माध्यम कुम्भ है। विज्ञान के युग में बुद्धि, विचार व कर्म में परिवर्तन कुम्भ से ही संभव है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति में सरलता है, भारतीयता है और अध्यातम है तभी कुम्भ में जाना सार्थक है।
कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित ने कहा कि महाकुम्भ में 40 करोड़ लोगों की भागीदारी रहती है। महाकुम्भ का प्रबन्धन किसी व्यक्ति विशेष के बस की नहीं है बल्कि ईश्वरिय प्रबन्धन है। महाकुम्भ विश्वास व आस्था का केन्द्र है। कुलपति ने आह्वान किया कि खगोलिय, ज्योतिषिय, सांस्कृतिक और भौतिक दृष्टि से इस महाकुम्भ का आनन्द ले, क्योकि विज्ञान व विश्वास में कोई अन्तर भेद नहीं है। देखने, दर्शन, प्रतिभाग और भोगने की पूर्णता ही कुम्भ है और इसमें सहभागी बनने की जरूरत है।
प्रो. अरुण कुमार, कुलपति स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय ने कहा कि काशी विश्वनाथ, अयोध्या व महाकाल की तरह महाकुम्भ कॉरिडोर का भी निर्माण हो तथा इसके व्यापक रूप को गाँव-गाँव तक प्रचारित करने के लिए जनजागरण अभियान की जरूरत है।
पुलिस महानिरीक्षक, बीकानेर ओम प्रकाश ने कहा कि महाकुम्भ सामाजिक व सांस्कृतिक चेतना का उत्कर्ष है। इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण के महत्व को महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के युवा विद्यार्थियों को पहुचाने की आवश्यकता है ताकि वे भारतीय संस्कृति से जुड़ सके।
इस अवसर पर प्रो. बी.एल. भादाणी, आचार्य राजेन्द्र जोशी, विजय खत्री, राजेन्द्र जोशी, डॉ. मेघना शर्मा, डॉ. दुलीचन्द मीणा, हरीश बी. शर्मा, अशोक मेहता द्वारा महाकुम्भ की पौराणिकता, आध्यामिक महत्व, सांस्कृतिक प्रदर्शन, आर्थिक प्रभाव और राजनीतिक एवं सामाजिक गतिशीलता जैसे मुदों पर महत्वपूर्ण परिचर्चा की गई।
सौरभ पाण्डे, निदेशक इंडिया थिंक काउंसिल द्वारा महाकुंभ-2025 पर प्रकाश एवं विषय प्रवर्तन किया गया। आयोजन सचिव प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के दौरान प्रो. हेमन्त दाधीच, प्रो. प्रवीण बिश्नोई, प्रो. उर्मिला पानू, प्रो. राहुल पाल, डॉ. सुनिता पारीक, डॉ. बिट्ठल बिस्सा, डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली, हिमांशु भाटी, कृतेश श्रीवास्तव, शिक्षणगण, विद्यार्थी एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव
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