फाइव ट्रिलियन इकोनोमी बनाने में लघु उद्योगों की भूमिका महत्वपूर्ण- प्रकाशचन्द्र
उदयपुर, 7 अप्रैल (हि.स.)। फाइव मिलियन इकोनोमी का लक्ष्य भारत को विश्व गुरु बनाने का एक पड़ाव है। यह लक्ष्य प्राप्ति वैश्विक परिदृश्य में भारत की गुरुत्तर भूमिका को स्थापित करने में बहुत बड़ा योगदान देगा।
यह बात लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र ने रविवार को लघु उद्योग भारती चित्तौड़ प्रांत के 256 सदस्यों के आवासीय अभ्यास वर्ग के समापन पर मुख्य वक्ता के रूप में कही। उदयपुर में आयोजित इस अभ्यास वर्ग में उन्होंने उच्च नैतिक मापदंडों के साथ निर्माण की गतिविधि करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता के उत्पादों के निर्माण से यहां के उद्योगों के लिए विस्तार तथा व्यापार की असीमित संभावनाएं हैं।
लघु उद्योग भारती उदयपुर के महासचिव कपिल सुराणा ने बताया कि भारत को फाइव मिलियन इकोनोमी बनाने के संकल्प के साथ संपन्न इस अभ्यास वर्ग में उदयपुर के 55 उद्यमियों ने अपने स्टाल लगा अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। लघु उद्यमी ज़ीरो डिफेक्ट उत्पादों का निर्माण कर सकें उसके लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी प्रोफेसर वरिंदर कवर ने लीन मैनेजमेंट पर आयोजित विशेष सत्र में अभ्यास वर्ग के प्रतिभागी उद्यमियों को केंद्र सरकार की योजना तथा इसमें मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी प्रदान की।
लघु उद्योग भारती अध्यक्ष मनोज जोशी ने अभ्यास वर्ग में सम्मिलित उद्यमियों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उदयपुर क्षेत्र के उद्यमियों की समस्याओं पर उद्योग राज्य मंत्री के.के. विश्नोई को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें अप्रधान खनिज निर्गम की नीति में विसंगतियों की ओर ध्यानाकर्षित किया। जोशी ने बताया कि रीको तथा विद्युत विभाग संबंधित समस्याओं को भी मांग पत्र में शामिल किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता/संदीप
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