रिफ फेस्टिवल का आगाज : फिजां में बिखरा रिफ का संगीत, बाल मेले में बच्चों की देखने को मिली रंगत
जोधपुर, 26 अक्टूबर (हि.स.)। लोक संगीत और कलाकारों को समर्पित राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल (जोधपुर रिफ) का 16वां संस्करण गुरुवार से शुरू हो गयाा। रिफ का आगाज गुरुवार को वीर दुर्गादास मेमोरियल पार्क मसूरिया पहाड़ी पर बाल मेला से किया गया। इसमें लोक कलाकारों की प्रस्तुति के साथ किया गया। मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस पांच दिवसीय रिफ में देश-विदेश के करीब 250 कलाकार प्रस्तुति देंगे।
वीर दुर्गादास मेमोरियल पार्क मसूरिया पहाड़ी पर आयोजित कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने बेहतरीन लोक नृत्य के साथ बहुरूपिया शैली, घूमर, पाबूजी की फड़, कच्छी घोड़ी, छतर कोटला व चंग की थाप पर नृत्य का प्रदर्शन किया। इस आयोजन में जोधपुर के विभिन्न स्कूली बच्चों ने भाग लिया।
रिफ फेस्टिवल आयोजन में आए रिफ के भवानी ने बताया कि बच्चों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। सुबह से तकरीबन 38 सौ बच्चें इस आयोजन का हिस्सा बने है।
वहीं जोधपुर रिफ महोत्सव के निदेशक दिव्य भाटिया ने बताया कि फेस्टिवल में विश्व के कई नामचीन संगीतकार व कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। फेस्टिवल का समापन तीस अक्टूबर को होगा। उन्होंने बताया कि इस पांच दिन के संगीत महोत्सव में शहरवासी व अन्य लोग ना केवल विश्व स्तरीय संगीत सुन पाएंगे बल्कि जड़ों को भी समझ पाएंगे। जोधपुर रिफ महोत्सव में भारत सहित विभिन्न देशों के 250 से अधिक म्यूजिशियन एवं कलाकार संगीत लहरियों को बिखरेंगे। इस बार नई पीढ़ी के साथ ही रोमांचक ओर नवीन शैली का आदान-प्रदान ख्याति प्राप्त और स्थानीय कलाकार करेंगे।
इस बार रिफ में फ्रांस, आस्ट्रेलिया, केबो वर्ड, इटली, एस्टोनिया सहित भारत के विभिन्न प्रांतों के लोक कलाकर भाग ले रहे है। इनमें विदेशी कलाकारों में मिरोका पेरिस, स्यूनो डी.अजरे, जेशर हज यूसैफ, जेफ लेंग, गृह सिहान, रैना पीटरसन, अलजेंड्रा गोमेज, रिस सेबेस्टियन मुख्य है। इस साल कई संयुक्त प्रस्तुतियां भारतीय कलाकारों के तथा अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के बीच होगी। राजस्थानी लोक कलाकार समकालीन भारतीय जैज संगीतकारों और विभिन्न मूल परंपराओं के तालवादकों के साथ मिलकर अनूठी प्रस्तुति देंगे। रिफ में पहली बार रूट्स नृत्य भी होगा, जिसमें राजस्थानी लोक गीतों और ताल पर आधारित कथक नृत्य किया जाएगा।
रिफ डान के तहत प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे से 7.30 बजे तक मेघवाल और मांगणियार समुदाय के संगीत के अलावा सुबह के संगीत कार्यक्रमों में प्रसिद्ध मुखर चौकड़ी शर्मा बंधु शामिल होंगे जो अपने भजनों और निर्गुणी कविता के लिए प्रसिद्ध है। वहीं प्रसिद्ध कर्नाटक गायक महेश विनायकराम के गायन की प्रस्तुति होगी। एस्टोनियाई समूह कुडला हेटके का बांसुरी वादन होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर
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