अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के रिव्यू के बाद विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रख सरकार करेगी फैसलाः श्रवण सिंह बगड़ी
![अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के रिव्यू के बाद विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रख सरकार करेगी फैसलाः श्रवण सिंह बगड़ी](https://livevns.news/static/c1e/client/84451/downloaded/50c075a7aa6fa0031abc64b45ac7d1aa.jpg)
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जयपुर, 15 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी ने अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर कांग्रेस द्वारा अफवाह फैलाकर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेसी नेताओं के पास कोई मुद्दा बचा ही नहीं। प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में बिना कोई नीति और योजना बनाए वोट बैंक के खातिर सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित कर दिया, जबकि इन सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक तक नहीं लगाए गए। भाजपा सरकार के रिव्यू करने के फैसले का विरोध करने वाले कांग्रेसी नेता भी प्रदर्शन में नहीं पहुंचे।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी ने कहा कि भजन लाल सरकार और भाजपा कभी भी अंग्रेजी स्कूलों के विरोध में नहीं है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस सरकार ने बिना ठोस नीति के जल्दबाजी में योजना चलाई थी, उसे हमारी सरकार बेहतर ढंग से लागू करेगी। इंग्लिश मीडियम स्कूलों के पक्ष में भारतीय जनता पार्टी हमेशा रही है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर इसकी घोषणा करनी चाहिए थी। कांग्रेस सरकार ने आनन फानन में फैसला किया और आदेश निकाल दिए। ऐसे में हिन्दी मीडियम के बच्चों के सामने संकट तक आ गया। उनके लिए कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था कांग्रेस सरकार ने नहीं की थी।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने हिंदी मीडियम स्कूल को अंग्रेजी मीडियम में तो बदल दिया लेकिन इनके के पास ना तो अंग्रेजी स्कूलों के लिए टीचर थे और ना ही इंफ्रास्ट्रक्चर। कांग्रेस ने सिर्फ दिखावा करने के लिए जनता को धोखा दिया है। पिछले 5 साल में कांग्रेस सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कोई काम नहीं किया। भाजपा सरकार बनने के बाद शिक्षा प्राथमिकता में है। कांग्रेस सरकार को इस योजना को लागू करने से पहले इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाहिए था, अध्यापकों की ट्रेनिंग करानी चाहिए थी, इंग्लिश पढ़ाने वाले अध्यापक होंगे तभी तो बच्चे पढ़ेंगे। इन सब के बावजूद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और शिक्षा मंत्री इस विषय को गंभीरता से देख रहे हैं। बेहतर शिक्षा के लिए स्कूलों का रिव्यू किया जा रहा है फिर जो छात्रों के हित में होगा, सरकार द्वारा वो निर्णय किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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