पश्चिमी राजस्थान में बांस की उपयोगिता पर शोध : तीन साल की अवधि और 47 करोड़ का प्राेजेक्ट स्वीकृत

पश्चिमी राजस्थान में बांस की उपयोगिता पर शोध : तीन साल की अवधि और 47 करोड़ का प्राेजेक्ट स्वीकृत
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पश्चिमी राजस्थान में बांस की उपयोगिता पर शोध : तीन साल की अवधि और 47 करोड़ का प्राेजेक्ट स्वीकृत


बीकानेर, 29 दिसंबर (हि.स.)। स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के उद्यान विभाग को राष्ट्रीय बांस मिशन, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा ‘शुष्क पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बांस: एक शुरुआत व प्रयास’ विषय पर 47 लाख का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है।

कुलपति डॉ अरुण कुमार ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत पश्चिमी राजस्थान में बांस की उपयोगिता पर शोध करने का मौका मिलेगा। यह प्रोजेक्ट 3 साल की अवधि का है। इसके अंतर्गत बांस उत्पादन की शस्य विधियों का परीक्षण, उपयुक्त गुणवत्ता युक्त लकड़ी वाल़ी प्रजातियों की पहचान एवं औद्योगिक उपयोगिता की संभावनाओं पर अनुसंधान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के मुख्य प्रभारी डॉ. पी. के. यादव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत विश्वविद्यालय अपने कार्य क्षेत्र में आने वाले किसानों के लिए सूखे के प्रति सहनशील प्रजातियों की पहचान एवं बांस के विभिन्न औद्योगिक सह उत्पाद व मूल्य संवर्धन पर कार्य करेगा। डॉ. सुशील कुमार तथा डॉ. सी. पी. मीणा इस प्रोजेक्ट के सह प्रभारी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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