रविंद्र सिंह भाटी मेरा पड़ौसी है, इसलिए उसका हितैषी : अमीन खान
बाड़मेर, 6 मई (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी से निष्कासन के बाद पूर्व विधायक अमीन खान ने सोमवार को पहली बार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पार्टी से निष्कासन पर कहा कि जाट मेरे खिलाफ है, इसलिए मुझे निष्कासित किया है। वे निर्दलीय प्रत्याशी (रविंद्र सिंह भाटी) के समर्थन पर बोले कि वो मेरा पड़ोसी है, इसलिए मैं उसका हितैषी हूं।
कांग्रेस को हमारे जैसे आदमियों की जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने 6 साल के लिए निष्कासित किया है, लेकिन मेरी उम्र भी अब इतनी नहीं रही है। इस आदेश के क्या हाल होंगे?
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के वोटिंग के दिन 26 अप्रैल को 5 बार के पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता को कांग्रेस पार्टी ने अपनी प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था।
पूर्व मंत्री अमीन खान सोमवार को जिला कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान करीब डेढ़ बजे उन्होंने मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि आज जिला कलेक्टर निशांत जैन से मुलाकात की थी। उनसे आबादी और गोचर भूमि को लेकर चर्चा की। लोकसभा चुनाव को लेकर पूछे सवाल पर कहा कि मैं 20 दिन मक्का मदीना था। उसके बाद मैं बीमार हो गया था, इसलिए मुझे इसकी जानकारी नहीं है। अब 6 साल मेरी उम्र ही नहीं है। 85 साल का मैं हो गया हूं।
रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि मौका मिलेगा तो अहसान उतारेंगे प्रश्न के जवाब में अमीन ने कहा कि अहसान क्या उतारेगा, इंसान के कहने का फर्ज होता है। अब कहा तो है उसने। शिव में उपचुनाव होने के सवाल पर बोले कि पता नहीं होंगे या नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल मैं बीमार हूं, ऐसे में अभी कुछ पता नहीं है।
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिव से अमीन खान को 10वीं बार टिकट दी थी। उस समय कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खान बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़े थे। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फतेह खान का निष्कासन रद्द कर उन्हें वापस पार्टी में शामिल कर लिया गया था। पार्टी के इसी निर्णय पर अमीन खान ने नाराजगी जाहिर की थी। इस कारण उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर बयानबाजी भी की। लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों सामने आईं, जिसकी शिकायत स्थानीय नेताओं ने आलाकमान से की।
उम्मेदाराम की शिकायत पर किया था निष्कासित
शिकायतों के बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक आदेश जारी कर लिखा कि बाड़मेर-जैसलमेर प्रत्याशी उम्मेदाराम की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। लोकसभा चुनाव में अमीन खान अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी एक्टिविटी में शामिल रहे। गौरतलब है कि 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पर विवादित बयान देने पर भी अमीन खान को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं अमीन खान को शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र भाटी ने हराया था। इस हार के बाद अमीन खान सक्रिय राजनीति से दूर हो गए। लोकसभा चुनाव में वे अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे। पार्टी ने उन्हें जो काम दिया उससे दूरी बनाते नजर आए। चुनाव प्रचार के दौरान वे हज पर चले गए। उन्होंने कांग्रेस पर मुसलमानों को तवज्जो न देने के आरोप लगाए थे। मंच से उन्होंने ऐसे इशारे भी किए कि वे भाटी के समर्थन में हों। इसीलिए कार्रवाई की गई।
हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रशेखर/ईश्वर
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