रविंद्र भाटी शिव और यूनुस खान डीडवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे

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रविंद्र भाटी शिव और यूनुस खान डीडवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे


जयपुर, 4 नवंबर (हि.स.)। नामांकन भरने की आखिरी तारीख नजदीक आते ही भाजपा में बगावत फिर तेज हो गई है। सात दिन पहले भाजपा जॉइन करने वाले जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा से टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज हो गए हैं। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। वहीं, वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे यूनुस खान ने भी भाजपा छोड़ने की घोषणा कर दी है। वे डीडवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

पूर्व कैबिनेट मंत्री युनूस खान ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण बागी तेवर दिखाए हैं। वे डीडवाना से टिकट मांग रहे थे। शनिवार को उन्होंने एक रैली निकाल कर जनसभा की। खान ने कहा कि भाजपा ने मुझे बहुत कुछ दिया, लेकिन एक बार बुलाकर कह देते कि हम टिकट नहीं दे पाएंगे तो कोई बात नहीं थी, लेकिन अब मैं डीडवाना की जनता के लिए चुनाव लड़ूंगा। यूनुस खान की बगावत के बाद डीडवाना का चुनाव रोचक हो गया है। यूनुस खान को 2018 में टोंक से पायलट के सामने उतारा गया था, हालांकि वे हार गए थे।

जोधपुर की जयनारायण व्यास (जेएनवीयू) यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। सोमवार को वे नाॅमिनेशन भर सकते हैं। शनिवार को ट्वीट कर जनता से समर्थन भी मांगा। भाटी पिछले काफी समय से बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय थे। कयास लगाया जा रहा था कि वे शिव से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। रविंद्र सिंह ने सात दिन पहले ही जयपुर में भाजपा प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में बीजेपी जॉइन की थी। इसके बाद से ये माना जा रहा था कि शिव विधानसभा से उनका टिकट तय है। हालांकि शुक्रवार सुबह बीजेपी ने इस सीट से स्वरूप सिंह खारा को मैदान में उतार दिया।

भाटी ने बताया कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और छह को नामांकन भरेंगे। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि जन सेवा को परम कर्तव्य मानकर अपने जीवन की शुरुआत की है और उसके लिए पूर्ण सक्षमता से संघर्ष किया है। अब आगे की राह स्वयं जनता तय करें, मेरे अपने तय करें, मेरे शुभचिंतक तय करें। जो आपका निर्णय है, वही मेरा निर्णय है। इधर, शिव से स्वरूप सिंह खारा को टिकट मिलने के बाद रविंद्र सिंह के समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया था। इसे लेकर भाटी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी की है। उन्होंने इसमें समर्थकों से अपील की है कि आगे की रूपरेखा वही तय करेंगे।

प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस से कई ऐसा नेता हैं, जिनका टिकट काटा गया और अब वे बागी होकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। इनमें अलवर के थानागाजी से बीजेपी के बागी रोहिताश घांघल, मुंडावर में कांग्रेस की बागी अंजलि यादव, किशनगढ़बास से कांग्रेस की बागी सिमरत कौर, राजगढ़ से कांग्रेस के बागी विधायक जौहरी लाल मीणा, बानसूर से भाजपा के बागी पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा नामांकन भर चुके हैं। इसी तरह भरतपुर के बयाना विधानसभा से ऋतु बनावत ने शनिवार को पर्चा भरा है। वह बीजेपी के जिला अध्यक्ष ऋषि बंसल की पत्नी हैं। बीजेपी से टिकट मांग रही थी, लेकिन जब बीजेपी ने बच्चू बंशीवाल को टिकट दिया तो, उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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