आधुनिक भारत के निर्माता थे रामानंदाचार्य : प्रो. दुबे
जयपुर, 2 फ़रवरी (हि.स.)। मध्यकालीन भक्ति आंदोलन के प्रवर्तक जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने छुआछूत और भेदभाव से परे जाकर पूरे सनातन धर्म को एकसूत्र में बांधने का काम किया। कबीर, रैदास, धन्ना और पीपा जैसे शिष्यों के माध्यम से उन्होंने आध्यात्मिक लोकतंत्र की भावभूमि का निर्माण किया। यह बात शुक्रवार को जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामसेवक दुबे ने रामानंदाचार्य जयंती पर हुए समारोह में कही।
उन्होंने कहा कि अपने विचारों के प्रसार के उन्होंने संस्कृत के साथ हिंदी को भी चुना, जिससे रामभक्ति की धारा आम लोगों तक पहुंच पाई। इसी भक्ति धारा में गोस्वामी तुलसीदास, मीरां बाई, कृष्णदास पयहारी और अग्रदास जैसे महात्मा हुए। आज भी रामानंद संप्रदाय बिना किसी वर्ण और वर्ग के भेद के समाज में आध्यात्मिक कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में वेद विभागाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा ने रामानंदाचार्य की प्रतिमा का अभिषेक और यज्ञ संपन्न करवाया। समारोह में कुलसचिव प्रियव्रत सिंह चारण और शैक्षणिक परिसर निदेशक डॉ. विनोद शर्मा सहित शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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