राम मंदिर निर्माण के लिए कराए गए थे तीन करोड़ राम नाम के जप: साध्वी प्रियंवदा
जोधपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या में राम मंदिर बनने को लेकर पूरे देश भर में उत्साह, उमंग और खुशी का माहौल है। राजस्थान की सांस्कृतिक राजधानी सूर्य नगरी जोधपुर में भी 22 जनवरी को राम मंदिर की प्रतिष्ठा हो जाने को लेकर खुशी का सैलाब उमड़ रहा है। साध्वी प्रीति प्रियंवदा ने अयोध्या से निमंत्रण पत्र मिलने के बाद इस बात पर सुकून जताया है कि सभी की मेहनत रंग लाई और राम मंदिर आमजन के लिए समर्पित हो रहा है। मंदिर निर्माण रूपी इस यज्ञ में किए गए 3 करोड़ राम नाम के जप (विजय मंत्र) भी आहुति के रूप में काम आए हैं।
प्रीति प्रियंवदा ने बताया कि जब वह 10 वर्ष की उम्र की थी तब 1990 की घटना जिसमें राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान बलिदान हुए कारसेवक प्रोफेसर. महेन्द्रनाथ अरोड़ा ने स्नेह दिया और उन्हीं के सानिध्य में वह खेला करती थी और बडी भी हुई। जब उनका बलिदान देखा तब उस समय उन्हीं के चरणों की रज उठाकर राम मंदिर बनाने को लेकर जो भी जरूरी होगा वह करूंगी, यह संकल्प लिया था। 10 वर्ष की थी, तब पता नहीं था क्या करना है, राम जी क्या करवाएंगे, महेन्द्र नाथ की दिव्य आत्मा ने शक्ति दी और राम मंदिर निर्माण के लिए 3 करोड श्री राम जय राम जय जय राम का संकल्प पूरा करवाया।
उन्होंने बताया कि, राम मंदिर भारत की अस्मिता का सबसे बड़ा प्रतीक है। मंदिर का निर्माण वर्षों का स्वप्न है। शास्त्रों में अयोध्या को भारत का मस्तक बताया गया है और राम मंदिर उस पर तिलक है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप
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