जयपुर बंद के समर्थन में निकली रैली, पुलिस की विशेष निगरानी

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जयपुर बंद के समर्थन में निकली रैली, पुलिस की विशेष निगरानी


जयपुर बंद के समर्थन में निकली रैली, पुलिस की विशेष निगरानी


जयपुर, 21 अगस्त (हि.स.)। अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विभिन्न एसटी-एससी संगठनों द्वारा किए गए भारत बंद के आह्वान के समर्थन में बुधवार काे जयपुर बंद रहा। शहर व आसपास के क्षेत्राें में बंद का व्यापक असर देखने को मिला और अधिकांश बाजार बंद नजर आए। बंद के दौरान किसी प्रकार का कोई हादसा न हो इसके लिए जेसीटीएसएल की ओर से लो-फ्लोर बसों को नजदीकी थानों में खड़ा किय गया एवं आगार के पास वाली गाड़ियों को डिपो बुलाया गया। सिंधी कैंप बस स्टैंड से राजस्थान रोडवेज का संचालन बुधवार सुबह पांच बजे से बंद रहा। ऐसे में यात्री परेशान नजर आए। बुधवार को स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रहे। शहर के सभी चौराहे और जुलूस वाले रास्तों पर रैपिड एक्शन फोर्स सहित पुलिस जाब्ते को भी तैनात किया गया।

अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति ने बंद को राजस्थान में समर्थन दिया है। जयपुर बंद के लिए समिति ने 25 टीमें बनाई। इन टीमों अपने-अपने इलाके में टोलियों में रैली निकाली और बाजारों को बंद करवाया। बंद के समर्थन में बड़ी रैली रामनिवास बाग से शुरू हुई, जो चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट,एमआई रोड होते हुए रामनिवास बाग में आकर खत्म हुई। इसके अलावा बंद समर्थकों की एक रैली मुरलीपुरा में नगर निगम कार्यालय से रैली निकाली जो अंबाबाड़ी, विद्याधर नगर होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची और यहां कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अनिल गोठवाल ने बताया कि बंद को शांतिपूर्वक सफल बनाया गया। समिति किसी भी हिंसा का समर्थन नहीं करती है। आंदोलन के बारे में सोशल मीडिया पर जो कुछ चल रहा है, उसका हम समर्थन नहीं करते।गोठवाल ने रैली के दौरान कहा कि हमारा यह विरोध प्रदर्शन एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए निर्णय के खिलाफ है। यह निर्णय संसद को करना चाहिए था जो कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा किया गया। यह राज्य और केंद्र सरकार की विफलता है कि इस तरह का वर्गीकरण करने दिया गया। हम चाहते हैं कि यह निर्णय वापस लिया जाए। हमारी सिर्फ यही एक मांग है। इसी संदेश को लेकर के हमने प्रदर्शन किया है।

बंद के मद्देनजर मंगलवार काे जिला प्रशासन ने जयपुर में स्कूल-कॉलेजों के साथ समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में छुट्‌टी की घोषणा की थी। जिससे कारण बुधवार को स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थान बंद रहे।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि जयपुर में दस हजार ज्यादा अतिरिक्त पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। शहर के सभी चौराहे और जुलूस वाले रास्तों पर पुलिस की विशेष निगरानी रही। राजधानी जयपुर में भारत बंद पूर्ण शांतिपूर्ण रहा है और किसी प्रकार का कोई विवाद सामने नहीं आया है।

राजधानी जयपुर में जेसीटीएसएल की चलने वाली लो-फ्लोर बसों का संचालन भी बंद किया गया। बंद के चलते सुरक्षा की दृष्टिगत लो-फ्लोर बसों को नजदीकी थानों में खड़ी करने और आगार के पास वाली गाड़ियों को डिपो बुलाया गया। इसके अलावा जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैंड से बसें संचालित नहीं हुई। अधिकतर बसें सिंधी कैंप बस स्टैंड पर खड़ी रही। बाहरी रूटों से निकल चुकी बसें सिंधी कैंप ही पहुंची। लेकिन इन्हें भी सिंधी कैंप बस स्टैंड से रवाना नहीं किया गया। ऐसे में बस स्टैंड पर यात्री बसों के इंतजार में परेशान होते रहे। सिंधी कैंप से बसों का संचालन नहीं होने के कारण यात्रियों को वापस लौटना पड़ा।

एसटी-एससी संगठनों की ओर से बंद का राजस्थान में भी व्यापक असर देखने को मिला। इस बंद के कारण प्रदेशभर में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गईं। फेडरेशन ऑफ राजस्‍थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) ने पूरे प्रदेश में अपनी सभी जिला शाखाओं से व्यापार पर बंद के असर से सम्बन्धित आंकड़े संकलित किए।

संगठन अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है कि इस बंद का स्थाई व्यापार पर ज्यादा असर नहीं होगा। कपडे, राशन, गहनें, वाहन जैसी वस्तुओं को ग्राहक अगले दिन खरीद लेते हैं। लेकिन अस्‍थाई व्यापार पर बंद का असर ज्यादा पड़ता है। इससे रोजमर्रा के कामगारों का रोजगार ठप हो गया। खास बात है कि इनमें ज्यादातर लोग एससी- एसटी वर्ग के ही हैं। इनमें डिलिवरी बॉय, कैब और ऑटो चालक, रेहड़ी , खोमचे, सब्जी विक्रेता, ढाबे और छोटे रेस्टोरेंट का व्यापार एक दिन के लिए ठप रहा। इसलिए किसी भी संगठन द्वारा राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बाजार को बंद कराना और लाखों लोगों के रोजगार पर कुठाराघात करने का फोर्टी विरोध करता है। अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन डिलीवरी सेवाएं लगभग 70 प्रतिशत प्रभावित हुई। इससे अनुमानित 50 करोड़ रुपये नुकसान हुआ। साथ ही कैब और ऑटो चालक 60 प्रतिशत तक प्रभावित हुआ। इससे अनुमानित 35 करोड़ रुपये नुकसान हुआ । वहीं रेहड़ी पटरी और सब्जी विक्रेता 20 करोड़ रुपये का नुकसान। वहीं होटल और रेस्टोरेंट 40 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर, इस बंद से राज्य में 145 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार और लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है।

जयपुर व्यापार महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष हरीश केडिया ने बताया कि बुधवार को भारत बंद के कारण जयपुर में व्यापारियों को सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

मुहाना मंडी में कई क्विंटल हरी सब्जियां खराब

भारत बंद का असर सबसे बड़ी फल सब्जी मंडी मुहाना में भी देखने को मिला। आम दिनों की अपेक्षा भारत बंद के दौरान बुधवार को मंडी में चालीस प्रतिशत व्यापार प्रभावित हुए।

थोक फल सब्जी मंडी विक्रेता संघ के कार्यकारी अध्यक्ष योगेश तंवर ने बताया कि भारत बंद के दौरान बुधवार को मंडी में व्यापारी रात से ही कम आए। सब्जियां बहुत आई लेकिन उनके खरीदार नहीं आए। कुछ लोकल ग्राहक सुबह सुबह आए, लेकिन बाजार बंद होने के कारण ज्यादा सब्जियां लेकर नहीं गए। इससे मंडी में कई क्विंटल हरी सब्जियां खराब हो गई। सब्जियों के दाम पच्चीस प्रतिशत से तीस प्रतिशत तक कमी की गई, लेकिन सब्जियों का स्टॉक खत्म नहीं हुआ।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश / Sandeep Mathur

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