'बंदिशों' में भी सुनी नहीं रही भाई की कलाई, जेल में जाकर बांधी राखी, अपराध मुक्त का लिया वचन

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'बंदिशों' में भी सुनी नहीं रही भाई की कलाई, जेल में जाकर बांधी राखी, अपराध मुक्त का लिया वचन


चित्तौड़गढ़, 19 अगस्त (हि.स.)। विश्व विख्यात शौर्य, त्याग और बलिदान की धरा चित्तौड़गढ़ में रक्षा बंधन का त्यौहार धूम धाम और पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। सोमवार को रक्षाबंधन के पावन अवसर पर मुहुर्त के अनुसार दोपहर में राखी के प्रति भाई बहनों के मिलन का सिलसिला शुरू हुआ। पूरे दिन बाजारों में खासी रौनक दिखी तो वहीं जेल में बंद भाइयों की कलाई पर भी रक्षा सूत्र बंधे। जेल में बंदिशों के बीच रह रहे भाई की कलाई पर राखी बांध कर बहिनों ने अपराध मुक्त होने का वचन लिया।

जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय व ग्रामीण क्षेत्रों में रक्षाबंधन का पर्व परंपरा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सभी के चेहरों पर रौनक देखने को मिल रही है। वर्ष पर्यन्त इस दिन की प्रतिक्षा करती बहनें यदि दूर दराज या सुदूर पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण के किसी भी शहर कस्बे में रहती है तो वे भी आज के दिन अपने भाई को नहीं भूलती। भाई भी यदि कोसो दूर है तो वह भी इस पवित्र दिन पर बहना के घर पंहुचने में पूरी आतुरता दिखाता है। ऐसा ही मार्मिक नजारा कई घरों में देखने को मिला, जहां देश के कई क्षेत्रों से भाई बहनों का शक्ति और भक्ति की नगरी में आगमन हुआ। बहनों ने मुहुर्त के अनुसार भाईयों की कलाई पर रंग बिंरगी राखी सजा कर मुंह मीठा करा कर उसके दीर्घायु होने की कामना करते हुए जीवन पर्यन्त रक्षा का वचन लिया। भाईयों ने भी इस मौके पर बहना को बदले में मनमाने उपहार देकर रक्षा का संकल्प लिया। जहां नन्हें बच्चों में आधुनिकतम डिजाईन की राखियों को लेकर उत्साह देखने को मिला तो अधेड और बुजुर्ग भाई बहनों ने भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ रक्षा सूत्र के महत्व को समझते हुए बुजुर्ग महिलाओं ने भी अपने भाईयों की कलाई पर रेशम की डोरी बांध कर स्वंय को गौरवान्वित किया। जिला मुख्यालय पर भीलवाड़ा मार्ग स्थित जिला जेल में भी खासी रौनक दिखी। कारागृह में सजा भुगत रहे कैदियों को भले ही यह उम्मीद ना हो कि उनकी कलाई पर भी राखी बंधेगी लेकिन हर बहन के लिए कैसा भी हो, भाई तो भाई होता है। भाई बहन के प्यार के प्रतीक रक्षा बंधन पर्व पर कारागृह में रहने वाले बंदियों को जब उनकी बहनों ने आकर रक्षा सूत्र बांधा तो बरबस ही भाई बहनों के नेत्र से आंसू छलक पडे़। जेल के एकाकी जीवन में भी बहनों के असीम प्यार की मार्मिक अनुभूति कई भाइयों को हुई। इतना ही नहीं बहनों ने भी रक्षा सूत्र बांधते हुए वचन लिया कि यहां से मुक्त होने पर वे अपराध भावना को त्याग कर अच्छे इंसान के रूप में शेष जीवन बिताएंगे। रक्षाबंधन पर्व पर दूरदराज के भाई और बहन अपने अपने गांव जाकर राखी का त्यौहार मनाने के लिए आतूर रहते है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार रोडवेज बसों में महिलाओं को निःशुल्क यात्रा की सौगात देने के फलस्वरूप जहां रोडवेज में केवल महिलाएं ही अपेक्षा से अधिक संख्या में सफर करती नजर आई वहीं निजी बसो और रेलो में भी भारी भीड उमडी। यह सिलसिला पिछले दो दिनो से देखने को मिल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल / ईश्वर

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