राजस्थान के टेलीकॉम टॉवर टेक्निशियनों ने आंदोलन की चेतावनी दी

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राजस्थान के टेलीकॉम टॉवर टेक्निशियनों ने आंदोलन की चेतावनी दी


बीकानेर, 31 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान में इंडस टावर लिमिटेड के लिए कार्यरत एमआरजी ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड के सैकड़ों टेक्निशियनों ने अत्यंत कम वेतन, अपर्याप्त यात्रा भत्ता और असुरक्षित कार्य परिस्थितियों को लेकर गंभीर नाराजगी जताई है। टेक्निशियनों का कहना है कि वे वर्ष 2008 से लगातार 24×7 सेवा देते आ रहे हैं, इसके बावजूद उन्हें मात्र 10,000 रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है, जो वर्तमान महंगाई के दौर में बेहद अपर्याप्त है।

उपरोक्त समस्या को लेकर राजस्थान टेलीकॉम ठेका कर्मचारी मजदूर यूनियन (सीटू), सीआईटीयू से सम्बन्धित सभी टेक्निशियनों ने जिला कांग्रेस कमेटी देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग से मूलाकात कर अपनी समस्या बताई। सियाग ने समस्या सुनने के बाद इंडस टॉवर कम्पनी के आला अधिकारियों से वार्ता की तथा इनकी जायज मांगो को स्वीकार कर लागू करने के लिए कहा, साथ ही उन्होंने कहा कि अगर समय पर इनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो कांग्रेस पार्टी भी इनके आन्दोलन में शामिल रहेगी।

टैक्निशियन यूनियन के भूपेन्द्रसिंह चारण ने बताया कि इस अवसर पर रामकुमार, स्वरूपसिंह, भोपाल सिंह, पर्वतसिंह, संदीप भादू, रामकुमार भाम्भू, हनुमान कुमावत, निशांत शर्मा, राजेन्द्र सिंह, जोगेन्द्रसिंह, रमेश स्वामी, महेन्द्र गर, राजेश प्रजापत, बेगराज, भालसिंह, छैलुदान, किसनाराम, हरीसिंह, जयसिंह, रामकुमार, सहदेव, देवीलाल, किशनाराम, पवन शर्मा, महिपाल आदि सहित अनेक टैक्निशियन मौजूद रहें।

टेक्निशियनों ने बताया कि इंडस टावर देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों जैसे एयरटेल, वोडाफोन, जियो, बीएसएनएल सहित अन्य ऑपरेटरों को टावर और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराता है। इन टावरों के रख-रखाव और नेटवर्क को घर-घर तक पहुँचाने की जिम्मेदारी टेक्निशियनों पर है, जो शहरी क्षेत्रों में 30 से 35 टावर और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 से 25 टावरों का रखरखाव 24 घंटे, सातों दिन करते हैं। टेक्निशियनों का आरोप है कि प्रत्येक टावर के लिए मात्र 200 रुपये प्रतिमाह पेट्रोल भत्ता दिया जाता है, चाहे महीने में एक बार साइट विजिट हो या 20 बार। इससे न तो ईंधन खर्च पूरा होता है और न ही रखरखाव की वास्तविक लागत। राजस्थान के सभी टेक्निशियनों ने अपनी 17 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन 16 दिसंबर 2025 को कंपनी प्रबंधन को सौंपा था, लेकिन आज दिनांक तक न तो कोई कार्यवाही की गई और न ही किसी प्रकार का आश्वासन दिया गया है।

ये है टेक्निशियनों की प्रमुख मांगें

नए श्रम कानूनों के अनुसार मासिक वेतन कम से कम 35,000 रुपये किया जाए।

प्रति टावर 500 रुपये प्रतिमाह यात्रा भत्ता दिया जाए।

रात्रि एवं आपातकालीन परिस्थितियों में, राजस्थान जैसे मरुस्थलीय और अपराध-संवेदनशील क्षेत्रों को देखते हुए कंपनी द्वारा चार पहिया वाहन उपलब्ध कराया जाए।

प्रति टेक्निशियन साइटों की संख्या युक्तिसंगत रूप से कम की जाए।

टेक्निशियनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया, तो वे सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। ऐसी स्थिति में टेलीकॉम टावरों का संचालन प्रभावित होगा, नेटवर्क बाधित होगा और इससे होने वाले किसी भी प्रकार के नुकसान की पूरी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी।

टेक्निशियनों ने राज्य एवं केंद्र सरकार से भी मांग की है कि नए श्रम कानूनों के तहत इंडस टावर कंपनी को उचित वेतन और भत्ते निर्धारित करने के लिए बाध्य किया जाए, ताकि वर्षों से सेवा दे रहे कर्मचारियों को न्याय मिल सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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