मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से हरित भविष्य की दिशा में बढ़ते राजस्थान के मजबूत कदम

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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रयासों से हरित भविष्य की दिशा में बढ़ते राजस्थान के मजबूत कदम


जयपुर, 17 दिसंबर (हि.स.)। जलवायु परिवर्तन आज विश्व के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। इसके दुष्प्रभाव जल, थल और नभ के माध्यम से न केवल मानव जीवन बल्कि संपूर्ण जैव विविधता और अर्थव्यवस्थाओं को भी प्रभावित कर रहे हैं। ऐसे समय में हरित विकास को प्राथमिकता देना एक अपरिहार्य आवश्यकता बन गई है। इसी सोच के अनुरूप मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग को केंद्र में रखते हुए ऐसे दूरदर्शी कदम उठाए हैं जो भविष्य की पीढ़ियों को बेहतर कल देने की दिशा में गेम चेंजर साबित हो रहे हैं।

राज्य सरकार द्वारा इस साल लाए गए ग्रीन बजट की बजट घोषणा की अनुपालना में विश्व पर्यावरण दिवस पर जारी की गई राजस्थान सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम-2025, राज्य को यूज एण्ड डिस्पोज की प्रवृत्ति से निकालकर रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का एक ऐतिहासिक प्रयास है। इस योजना का उद्देश्य वेस्ट टु वेल्थ यानी अपशिष्ट को संसाधन के रूप में विकसित करना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ रोजगार और निवेश के नए अवसर सृजित हो सकें।

इस योजना के अंतर्गत रिसाइक्लिंग, वेस्ट प्रोसेसिंग, ई-वेस्ट, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, वाहन स्क्रैपिंग, पुनर्चक्रण जैसे क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्योगों को आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। साथ ही, बैटरी, टायर, टेक्सटाइल, रबर, कागज, धातु रिसाइक्लिंग से संबंधित इकाइयों, कृषि अवशेषों, जैव अपशिष्ट, निर्माण मलबे तथा औद्योगिक अपशिष्ट का प्रोसेसिंग कर उपयोगी उत्पाद या ऊर्जा तैयार करने वाली इकाइयों को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त स्टार्टअप्स और एमएसएमई द्वारा विकसित क्लीन-टेक, ग्रीन-टेक, ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा आधारित उत्पादन, रिपेयर-रिफर्बिश और रिसोर्स रिकवरी से जुड़ी नवाचार परियोजनाएं भी इस योजना में शामिल की गई हैं। कम्पोस्टिंग, बायोगैस प्लांट, एफ्लुएंट ट्रीटमेंट, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, वेस्ट टु एनर्जी आदि से जुड़ी नवाचार आधारित मशीनरी और टेक्नोलॉजी के निर्माण की इकाइयों को भी इस योजना का फायदा मिलेगा। वेस्ट टू वेल्थ पार्क (सर्कुलैरिटी पार्क) से अपशिष्ट प्रबंधन को संगठित स्वरूप मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव कम होगा, कार्बन उत्सर्जन एवं ग्रीनहाउस गैसों में कमी आएगी तथा प्रदूषण नियंत्रण को मजबूती मिलेगी। यह योजना राजस्थान को स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने और दीर्घकालीन सतत विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 में राज्य का पहला ‘ग्रीन बजट’ प्रस्तुत किया। 27 हजार 854 करोड़ रुपए के ग्रीन बजट के अंतर्गत क्लाइमेट चेंज एडप्टेशन प्लान-2030 तैयार करने, 150 करोड़ रुपए की लागत से जलवायु परिवर्तन पर उत्कृष्टता केंद्र, मिशन हरियाळो राजस्थान के तहत 10 करोड़ पौधारोपण, 4,700 से अधिक गांवों में जल संग्रहण संरचनाएं तथा ग्रीन अरावली विकास परियोजना के लिए 250 करोड़ रुपए के प्रावधान जैसी घोषणाएं की गई। ग्रीन ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु सभी सरकारी कार्यालयों एवं पीएचईडी पंपिंग स्टेशनों को सौर ऊर्जा से जोड़ने, सोलर दीदी कैडर, निःशुल्क इंडक्शन कुकटॉप, बैटरी चलित सार्वजनिक परिवहन तथा ग्रीन ऑडिट आदि से जुड़ी घोषणाएं भी इसमें की गई। इसके साथ ही वाहन स्क्रैप नीति, प्रत्येक पंचायत में बर्तन बैंक, क्लीन एण्ड ग्रीन टेक्नोलॉजी डवलपमेंट सेंटर, ग्रीन चैलेंज फण्ड और ग्रीन क्रेडिट मैकेनिज्म जैसी नवाचारपूर्ण योजनाएं भी ग्रीन बजट का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

इन घोषणाओं पर तेजी से आगे बढ़ते हुए राज्य सरकार ने राजस्थान को हरा-भरा बनाने के लिए मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महा अभियान और मिशन हरियालो राजस्थान में दो वर्ष में 20 करोड़ पौधे लगवाए हैं और 14,500 से अधिक भूजल रिचार्ज जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण हो चुका है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार की सर्कुलर इकोनॉमी इंसेंटिव स्कीम और राज्य का पहला ग्रीन बजट न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और सतत भविष्य की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। ये पहल राजस्थान को हरित, स्वच्छ और सतत विकासशील राज्य के रूप में राष्ट्रीय एवं वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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