राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा 2025 में राजस्थान ने देशभर में हासिल किया पहला स्थान

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राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा 2025 में राजस्थान ने देशभर में हासिल किया पहला स्थान


जयपुर, 26 अप्रैल (हि.स.)। उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के नेतृत्व और सतत प्रयासों से राजस्थान ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आठ अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक आयोजित राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा में राज्य ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।

उप मुख्यमंत्री ने तीन अप्रैल को महिला एवं बाल विकास विभाग (आईसीडीएस) के अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए थे कि इस वर्ष का पोषण पखवाड़ा राज्य के लिए ऐतिहासिक बने और राजस्थान राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रदर्शन सुधारते हुए पहला स्थान प्राप्त करे। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत से दिए गए निर्देशों को साकार करते हुए यह लक्ष्य प्राप्त किया गया।

राजस्थान ने इस दौरान कुल 1,18,60,962 गतिविधियों की एंट्रीज कर देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ दिया। दूसरे स्थान पर रहे छत्तीसगढ़ ने 1,09,51,961 और तीसरे स्थान पर रहे महाराष्ट्र ने 67,12,236 गतिविधियों की एंट्रीज दर्ज करवाई। राजस्थान के मुकाबले छत्तीसगढ़ नाै लाख से अधिक एंट्रीज से पीछे रहा।

उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस शानदार उपलब्धि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश में जनभागीदारी और विभागीय समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है।

राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा, भारत सरकार के पोषण अभियान का एक प्रमुख घटक है, जिसका मुख्य उद्देश्य जन आंदोलन के माध्यम से पोषण के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस वर्ष पखवाड़े की थीम चार प्रमुख बिंदुओं पर केंद्रित रही।

इनमें जीवन के पहले 1000 दिनों में पोषण का महत्व,

पोषण ट्रैकर में लाभार्थी मॉड्यूल का प्रचार-प्रसार,

कुपोषण के समुदाय आधारित प्रबंधन (सीएमएएम मॉड्यूल)

और बचपन में मोटापे से निपटने के लिए स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा

शामिल रही। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं, बच्चों और समाज के अन्य वर्गों में संतुलित एवं पौष्टिक आहार की जानकारी देना, डिजिटल प्लेटफॉर्म से लाभार्थियों को जोड़ना और स्थानीय खाद्य संस्कृति को बढ़ावा देना रहा।

पोषण पखवाड़ा के अंतर्गत राज्यभर में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की गईं जिनमें उद्घाटन समारोह, साइकिल रैली, विशेष सुपोषण दिवस, गृह भ्रमण, स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता, स्वयं पंजीकरण अभियान, नुक्कड़ नाटक, रेसिपी प्रतियोगिता, योग सत्र और पोषण संवाद शामिल थे।

सभी गतिविधियों की निगरानी पोषण ट्रैकर और जन आंदोलन डैशबोर्ड के माध्यम से की गई। राज्य के 33 जिलों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए निर्धारित लक्ष्य से कई गुना अधिक प्रविष्टियाँ दर्ज कीं। चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, टोंक और बीकानेर जिले शीर्ष पांच में रहे।

इस अभियान के चलते प्रदेश में लाभार्थियों में पोषण के प्रति जागरूकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और किशोरियों के बीच संतुलित आहार व्यवहार को अपनाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। साथ ही पोषण ट्रैकर में रजिस्ट्रेशन और एंथ्रोपोमेट्रिक डेटा के माध्यम से निगरानी व्यवस्था भी सुदृढ़ हुई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

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