राजस्थान पुलिस करेगी ट्रांसज़ेंडर को मुख्य धारा में शामिल
जयपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान के ट्रांसज़ेंडर्स को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये राजस्थान पुलिस ने “ऑपरेशन स्माइल “ शुरू किया है ।
डीसीपी जयपुर (नॉर्थ ) राशि डोगरा डूडी के नेतृत्व में 10 जनवरी से शुरू हुए इस अभियान के तीसरे दिन शहर के शास्त्री नगर थाने में पुलिस के ट्रांसजेंडर सेल के नोडल अधिकारियों और ट्रांसेजेंडर राइट एक्टिविस्ट की संयुक्त मीटिंग हुई । इस मीटिंग में ट्रांसजेंडर से समन्वयन स्थापित कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने , उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने व शिक्षा, रोज़गार के अवसर, ट्रांसजेंडर से संबंधित कानूनी पहलुओं पर विचार किया गया । पुलिस को भी ट्रांसज़ेंडर के अधिकार के बारे में जानकारी हो और वे ट्रांसजेंडर के साथ किस तरह बर्ताव करे इस बारे में गहन मंथन किया गया । इस मौके पर शास्त्री नगर थाने के अधिकारी किशोर सिंह के साथ जयपुर नार्थ के नोडल अधिकारियों के अलावा शहर के कई ट्रांसजेंडर राइट एक्टिविस्ट भी मौजूद रहे । देश में जन्म प्रमाण पत्र पाने वाली पहली ट्रांसज़ेंडर नूर शेखावत , प्रिया शर्मा , ट्रांसेजेंडर राइट एक्टिविस्ट वसुधा एनजीओ की निदेशक मोना शर्मा , राजस्थान यूनिवर्सिटी में ट्रांसेजेंडर विषय पर पीएचडी कर रहे एक मात्र स्टूडेंट शिवराज गुर्जर , सी फार संस्थान के आयुष भार्गव से पुलिस अधिकारियों की बातचीत हुई। ट्रांसजेंडर नूर शेखावत ने पुलिस अधिकारियों को नालसा जजमेंट , 2014 में पास हुए ट्रांसजेंडर एक्ट एंड रूल्स के बारे में गहराई से बताया । नूर ने कहा की क़ानून पास हुए बहुत साल हो गये मगर आज भी जागरुकता की कमी के चलते ट्रांसजेंडर ख़ुद भी अपने अधिकारों को लेकर जागरूक नहीं है । ऐसे में पुलिस अधिकारी पहल करते हुए अपने थाना क्षेत्र के सभी ट्रांसजेंडर का आधार कार्ड , जन्म प्रमाणपत्र , ड्राइविंग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रेरित करे । वही ट्रांसेजेंडर प्रिया शर्मा ने बताया कि सभी थानों में ट्रांसजेंडर को सीएलजी मेंबर बनाया जाए ताकि ट्रांसजेंडर समुदाय का कोई केस आये तो उस से संजीदगी से निपटा जा सके । साथ ही साथ कई लोग इस आड़ में अपराध से भी जुड़ जाते है ऐसे में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की पहचान भी हो पाए । ट्रांसेज़ेंडर राइट एक्टिविस्ट व वसुधा जन विकास की निदेशक मोना शर्मा ने कहा की पुलिस की और से चलाया गया अभियान ऑपरेशन स्माइल ट्रांसजेंडर को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए बेहद जरूरी है। बहुत सारे ट्रांसजेंडर शारीरिक छेड़छाड़ के शिकार होते है , उनका ये सोच कर शोषण किया जाता है की ये पुलिस के पास नहीं जाएंगे या आवाज़ नहीं उठाएंगे। ऐसे में पुलिस का ये अभियान उनको संबल प्रदान करेगा । उनको पता है पुलिस ट्रांसजेंडर राइट्स को को लेकर कितनी गंभीर है। यह प्रयास देश के अन्य राज्यों में भी एक उदाहरण बनेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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