क्वालिटी एजुकेशन के लिए टीचर्स ट्रेनिंग में इनोवेटिव एप्रोच पर फोकस जरूरी-शासन सचिव

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क्वालिटी एजुकेशन के लिए टीचर्स ट्रेनिंग में इनोवेटिव एप्रोच पर फोकस जरूरी-शासन सचिव


क्वालिटी एजुकेशन के लिए टीचर्स ट्रेनिंग में इनोवेटिव एप्रोच पर फोकस जरूरी-शासन सचिव


जयपुर, 30 नवंबर (हि.स.)। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को ‘क्वालिटी एजुकेशन‘ के लिए शिक्षक प्रशिक्षणों में इनोवेटिव एप्रोच को अपनाते हुए टीचर्स ट्रेनिंग की गुणवत्ता पर फोकस किया जाएगा। इसके तहत आने वाले दिनों में राज्य में टीचर्स के लिए विशेष प्रशिक्षण, रिफ्रेशर कोर्स एवं इंडक्शन ट्रेनिंग सेशंस समयबद्ध रूप से आयोजित होंगे। यह बात स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने गुरुवार को जयपुर में आयोजित दो दिवसीय राजस्थान एजुकेशन रीट्रीट वर्कशॉप के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहीं।

इस विशेष कार्यशाला में स्कूल शिक्षा विभाग के मासिक वेबिनार 'बात आपकी हमारी' और 'राजस्थान के शिक्षक सितारे कार्यक्रम' के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अपने शैक्षिक नवाचारों के लिए चयनित शिक्षक सितारों के साथ सरकारी स्कूलों अलग-अलग समूहों में शिक्षा अधिकारियों और शिक्षाविदों द्वारा 'क्वालिटी एजुकेशन' कांसेप्ट' पर मंथन किया जा रहा है।

शासन सचिव जैन ने कहा कि सरकारी स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन के लिए टीचर्स ट्रेनिंग की दिशा में 'इनोवेटिव एप्रोच' के साथ प्लानिंग जरूरी है। उन्होंने कार्यशाला में भाग ले रहे शिक्षक सितारों को मोटिवेट करते हुए कहा कि वे खुलकर अपने आइडियाज शेयर करे, जिससे यहां 'क्रिएट' होने वाली 'एनर्जी' का अधिकतम सदुपयोग करते हुए प्रदेश में शिक्षा के स्तर में निरंतर सुधार के लक्ष्य को साकार किया जा सके। उन्होंने टीचर्स ट्रेनिंग को रोचक बनाने के लिए इसमें केस स्टडीज को शामिल करने पर बल दिया, वहीं टीम बिल्डिंग और मैनेजमेंट से जुड़ी कई व्ययहारिक बातों को साझा किया।

कार्यशाला के मुख्य वक्ता बोध शिक्षा समिति के योगेन्द्र ने कहा कि स्कूलों में क्लास रूम बदलाव के प्रमुख केन्द्र है और शिक्षक इन कक्षा कक्षों की धुरी है। क्लास रूम में शिक्षा की गुणवत्ता टीचर्स के समर्पण और व्यक्तित्व पर निर्भर करती है, इसी के आधार पर वहां वातावरण का निर्माण होता है। शिक्षक नव निर्माण का नेतृत्व करता है, हमें ऐसे शिक्षकों को तैयार करने की आवश्यकता है। कार्यशाला में 'राजस्थान में शिक्षा के बढ़ते कदम' के लर्निंग आउटकम पर चर्चा की गई और एक्टिविटी बेस्ट लर्निंग के लिए विभाग के इनिशिएटिव 'पिटारा' को जारी किया गया। 'पिटारा' के तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों के टीचर्स द्वारा विद्यार्थियों के लिए कॉम्पीटेंसी बेस्ड लर्निंग के लिए उपयोगी लिंक्स एवं गतिविधियों का संधारण किया गया है।

कार्यशाला में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से चयनित करीब पांच दर्जन शिक्षक सितारों के अलावा शैक्षिक नवाचारों की दिशा में अच्छा कार्य करने वाले 8 ब्लॉक्स के सीबीईओ, राजस्थान एजुकेशन इनिशिएटिव पार्टनर्स (आरईआई पार्टनर्स), स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी, शिक्षा निदेशालय, आरएससीईआरटी, सी-मेट और राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल के अधिकारियों के अलावा शिक्षाविद भाग ले रहे है। कार्यशाला में 'राजस्थान के शिक्षक सितारे कार्यक्रम' के तहत गतिविधि आधारित शिक्षण को वीडियो के रूप में तैयार करने वाले प्रदेश भर के 53 शिक्षकों को शासन सचिव श्री नवीन द्वारा प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इन शिक्षकों द्वारा 'टीचर इनोवेशन क्लब' के सक्रिय सदस्यों के रूप में कार्य करते हुए 'पिटारा मैजिक ऑफ एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग' के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया। इस अवसर पर लर्निंग आउटकम में इम्प्रूवमेंट करने वाले 8 ब्लॉक्स के सीबीईओज को सम्मानित किया गया। इनमें पिपराली (सीकर) की सुमन चौधरी, अरैन (अजमेर) के प्रेमचंद्र अजमेरा, भादरा (हनुमानगढ़) के रामानुज प्रसाद, नादौती (करौली) के मुकेश मीना, भदनूर (ब्यावर) के रोहित कुमावत, महवा (दौसा) के शिवदयाल मीणा, सादुलशहर (श्रीगंगानगर) के सुभाष चंद्र, बज्जूखालसा (बीकानेर) के रामगोपाल शर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सम्मानित शिक्षकों द्वारा शैक्षिक परिदृष्य की वर्तमान चुनौतियों पर सुझाव प्रस्तुत किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ईश्वर

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