मौसमी बीमारियों के प्रबंधन के लिए स्टेट वार रूम होगा गठित

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मौसमी बीमारियों के प्रबंधन के लिए स्टेट वार रूम होगा गठित


-चिकित्सा मंत्री ने किया राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन का शुभारम्भ

जयपुर, 14 अगस्त(हि.स.)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में चिकित्सा तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए तकनीक का अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित कर रही है। इस दिशा में चिकित्सा विभाग ने बजट घोषणा के अनुरूप प्रदेश में आज से राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन का शुभारम्भ किया है। इससे चिकित्सा तंत्र ऑनलाइन होगा और रोगियों के लिए उपचार लेना अधिक सुगम होगा। चिकित्सा मंत्री ने इस दौरान अधिक बारिश से उत्पन्न स्थितियों एवं मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।

चिकित्सा मंत्री बुधवार को स्वास्थ्य भवन में राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन का शुभारम्भ एवं मौसमी बीमारियों की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने मिशन के शुभारम्भ अवसर पर अतिरिक्त मिशन निदेशक अरूण गर्ग, सुरक्षा गार्ड प्रेम सिंह एवं सफाई कर्मी राकेश कुमार को आभा आईडी कार्ड प्रदान किए। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में बारिश का दौर चल रहा है। कई स्थानों पर अधिक बारिश होने से जलभराव आदि की समस्याएं भी उत्पन्न हुई हैं। साथ ही, इससे मौसमी बीमारियों के बढ़ने का भी खतरा है। इसे देखते हुए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं।

खींवसर ने कहा कि मौसमी बीमारियों एवं बारिश से उत्पन्न स्थितियों की नियमित मॉनिटरिंग एवं प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर वार रूम की स्थापना की जाए। यह वार रूम मौसमी बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करने, दवा, जांच एवं उपचार आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही आपात स्थितियों के लिए आवश्यक तैयारी रखे। उन्होंने राज्य एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्षों को भी और सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया। उन्होंने संभाग एवं जिला स्तरीय अधिकारियों से संवाद करते हुए मौसमी बीमारियों की स्थिति की जानकारी ली और सजगता के साथ आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण और बेहतर सर्विस डिलीवरी के लिए आज राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन की शुरूआत की गई है। इसके तहत आभा आईडी बनाने, हैल्थ केयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री, हैल्थ केयर फेसिलिटी रजिस्ट्री, आईएचएमएस, एआई डैशबोर्ड, टेलीकंसलटेशन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे चिकित्सा तंत्र तकनीकी रूप से तो मजबूत होगा ही, साथ ही आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं लेने में भी आसानी होगी।

सिंह ने मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम के लिए नियंत्रण कक्ष में आने वाले कॉल्स की समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र से अधिक कॉल आएं वहां विशेष इंतजाम सुनिश्चित करें। साथ ही, आपातकालीन सेवाओं को सुदृढ़ बनाते हुए रेस्पॉन्स टाइम न्यूनतम किया जाए। उन्होंने मौसमी बीमारियों के प्रबंध में लापरवाही करने वाले अधिकारियों एवं कार्मिकों को 17 सीसीए के तहत नोटिस देने के निर्देश दिए।

सिंह ने चांदीपुरा वायरस को लेकर भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए पशुपालन विभाग से भी आवश्यक सहयोग लिया जाए एवं व्यापक जनजागरूकता गतिविधियां संचालित की जाएं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3 करोड़ 84 लाख से अधिक लोगों की आभा आईडी बनाई जा चुकी है। इस लिहाज से राजस्थान देश में 7वें स्थान पर हैं तथा हैल्थ केयर फैसेलिटी रजिस्ट्री में तीसरे एवं हैल्थ केयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री में राजस्थान छठे स्थान पर हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आईएचएमएस आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का माइलस्टोन-1 पूर्ण कर चुका है।

राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन की प्रबंध निदेशक नेहा गिरि ने बताया कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए 69 दवाएं चिन्हित कर उनकी पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। दवाओं का पर्याप्त बफर स्टॉक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि बारिश को देखते हुए राज्य स्तर से 11 टीमों का गठन कर औषधि भण्डार गृहों का निरीक्षण करवाया जा रहा है।

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति एवं इसके नियंत्रण के लिए उठाए जा रहे कदमों एवं नवाचारों के बारे में जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार / संदीप / ईश्वर

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