बारिश-ओले का अलर्ट, कई जिलों में छाए बादल, सर्द हवा चलने से गिरा तापमान

बारिश-ओले का अलर्ट, कई जिलों में छाए बादल, सर्द हवा चलने से गिरा तापमान
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बारिश-ओले का अलर्ट, कई जिलों में छाए बादल, सर्द हवा चलने से गिरा तापमान


जयपुर, 26 फ़रवरी (हि.स.)। राजस्थान में सोमवार से एक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से राज्य के अधिकांश जिलों में बादल छाए रहे। साथ ही सर्द हवा चली। इससे तापमान गिर गया। सर्दी दोबारा बढ़ गई। इस सिस्टम से अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली और धौलपुर जिलों में बारिश की आशंका है। मौसम लगातार करवट बदल रहा है। फरवरी का महीना समाप्ति पर है। मार्च का महीना शुरू होने जा रहा है।

मौसम विभाग ने मार्च में राजस्थान का मौसम एक बार फिर बदलने की चेतावनी दी है। मौसम विभाग का अलर्ट है कि प्रदेश में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। यह पश्चिमी विक्षोभ 1-3 मार्च को सक्रिय होगा। इस नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान के कई जिलों में मेघ गर्जन, तेज हवाओं के साथ बारिश की गतिविधियां होने की प्रबल संभावना हैं। इस बारिश से मौसम में कुछ ठंड बढ़ जाएगी। मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि वर्तमान में सक्रिय हुए इस सिस्टम का असर 27 फरवरी तक रहेगा। एक मार्च से एक नया मजबूत पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से राज्य के अधिकांश हिस्से में अच्छी बारिश हो सकती है। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने की भी आशंका है। इसके कारण फसलों को नुकसान हो सकता है।

प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, पाली, भरतपुर, उदयपुर समेत कई जिलों में सोमवार सुबह से बादल छाए रहे। जयपुर में सुबह से तेज ठंडी हवा चल रही है। जयपुर में रविवार को अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस मापा गया, जो सामान्य से तीन डिग्री नीचे रहा। अजमेर, भीलवाड़ा, पिलानी, अलवर, उदयपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर समेत अन्य दूसरे शहरों में भी ठंडी हवा चलने के कारण दिन और रात का तापमान सामान्य से नीचे चला गया। 25 फरवरी को सबसे अधिक तापमान फलोदी में 30.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि शेष सभी जिलों में तापमान 29 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।

मौसम विज्ञानियों का कहना है कि राजस्थान में एक मार्च की शाम से एक स्ट्रॉन्ग सिस्टम सक्रिय होगा। इसके असर से बीकानेर, जोधपुर, जयपुर, अजमेर, भरतपुर और कोटा संभाग में तेज बारिश के साथ कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। इस सिस्टम का असर राजस्थान में चार मार्च तक रहने की संभावना है। इस कारण खेतों में कटी पड़ी रबी की फसलों को नुकसान होने की आशंका है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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