ऊर्जा संरक्षण के साथ पर्यावरण को सुदृढ़ बनाने के लिये रेलवे लगातार उठा रहा सकारात्मक कदम
जयपुर, 5 जून (हि.स.)। बिजली की बचत और पर्यावरण संरक्षण का उत्तरदायित्व आज व्यक्ति विशेष का न होकर सभी का हो गया है ताकि आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा सके। ऊर्जा संरक्षण के साथ पर्यावरण को सुदृढ़ बनाने के लिये रेलवे भी लगातार सकारात्मक कदम उठा रहा है, जिसमें परम्परागत संसाधनों के स्थान पर पर्यावरण अनूकुल स्त्रोतों का अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा हैं।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रधान कार्यालय में आज पर्यावरण दिवस पर ‘’भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा नियंत्रण’’विषय पर सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में भारतीय रेलवे में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्राकृतिक जल संसाधनों का पुनर्जीवित एवं जीर्णोध्दार करने एवं रेलवे द्वारा उत्सर्जित कार्बन फुट प्रिंट को कम कर हरित पर्यावरण में अपनी मुख्य भागीदारी सुनिश्चित करने पर विस्तृत चर्चा की गई।
सेमिनार में मुख्य वक्ता भारतीय रेलवे मैकेनिकल सेवा के सेवानिवृत अधिकारी अजय सिंह द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में रेलवे द्वारा किये गये प्रयासों जैसे- जल संसाधनों का पुनर्जीवित एवं जीर्णोध्दार, जल प्रबंधन, कचरा प्रबंधन एवं वनीकरण के लिए किये प्रयास को साझा किया। इसके साथ ही रेलवे में जल संरक्षण की अपार क्षमता की सम्भावना पर विस्तृत चर्चा की गई। उत्तर पश्चिम रेलवे, जो विशेषकर ऐसे भौगोलिक क्षेत्र में है, जहां जल संसाधनो की सुलभता नहीं है, वहां यह अत्यंत आवश्यक है कि जल संरक्षण के प्रयासों को हमारी योजनाओं के केंद्र में रखा जाये।
सेमिनार में महाप्रबंधक अमिताभ ने कहा कि जल संरक्षण का उत्तरदायित्व आज व्यक्ति विशेष का न होकर सभी का हो गया है ताकि आने वाली पीढ़ी को जल उसी रूप में दिया जाये,जैसे हमारी पीढ़ी को मिला है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर जल की उपलब्धता कम होने की वजह से जल संरक्षण के उपायों को अपनाने पर जोर दिया गया तथा जल संरक्षण हेतु कार्य योजना बनाकर क्रियान्वित किये जाने हेतु और अधिकप्रयास किये जाएं।
कैप्टन शशि किरण बताया कि अमिताभ, महाप्रबंधक के नेतृत्व में उत्तर पश्चिम रेलवे अपने प्रयासों को गति प्रदान कर प्रदुषण रहित पर्यावरण की मुहिम को बढाने के साथ-साथ राजस्व की भी बचत कर रहा है। इस रेलवे पर विगत समय में सौर ऊर्जा पर काफी कार्य किये गये है। इस रेलवे पर कुल 9813kWp क्षमता के सोलर पैनल स्थापित किये गये है। इनसे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लगभग 5 करोड के राजस्व की बचत भी प्रतिवर्ष हो रही है। हरित ऊर्जा की पहल के अन्तर्गत जयपुर, अजमेर, बीकानेर कार्यशाला तथा जोधपुर स्टेशनों पर उच्च क्षमता के सोलर पैनल स्थापित कर ऊर्जा प्राप्त की जा रही है।
बिजली की बचत के लिये इस रेलवे पर ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग किया जा रहा हैं। ऊर्जा दक्ष उपकरणों में रेलवे द्वारा एलईडी आधारित उपकरणों का अधिकाधिक प्रयोग किया जा रहा है। स्टेशनों पर एलईडी लाइट, बोर्ड, हाई मास्ट टावर इत्यादि लगाये गये है। एलईडी आधारित उपकरणों से प्रकाश की क्वालिटी बेहतर प्राप्त होती है साथ ही इनसे बिजली की भी बचत होती है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर पर 100 प्रतिशत एलईडी लाइटों का उपयोग किया जा रहा है और इस रेलवे पर 2,50,000 एलईडी फीटिंग्स को रेलवे कार्यालयों, स्टेशनों, भवनों, रेलवे क्वार्टरों इत्यादि में लगाया गया। इससे प्रतिवर्ष 105 लाख यूनिट बचत की जा रही है।
गाडियों की धुलाई में उपयोग किये गये पानी के पुनः उपयोग के लिए जयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हिसार, अजमेर तथा बाड़मेर स्टेशनों पर स्थापित वाटर रि-साइकिल प्लांट द्वारा पानी की बचत की जा रही है। इसी प्रकार जोधपुर, मेडता रोड, मदार, बीकानेर, हिसार, बाडमेर, लालगढ, उदयपुर व श्रीगंगानगर में ऑटोमैटिक कोच वाशिंग संयंत्र द्वारा पानी की बचत की जा रही है। इसके अतिरिक्त बारिश के पानी को सहज कर पुनः उपयोग के लिये 100 से अधिक स्थानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट उपलब्ध है तथा आगामी समय में अन्य स्थानों पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सेमिनार में उपस्थित अधिकारीगण को पर्यावरण संरक्षण पर शपथ भी दिलवाई गई। साथ ही उत्तर पश्चिम रेलवे के विभिन्न मंडलो एवं यूनिटों में वृक्षारोपण, पर्यावरण जागरूकता अभियान जैसे- प्रभात फेरी एवं ड्राइंग कम्पटीशन इत्यादि का आयोजन किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप
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