कोटा मंडल में आधुनिक अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन मशीन से रेल संरक्षा को मिल रहा बढ़ावा

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कोटा मंडल में आधुनिक अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन मशीन से रेल संरक्षा को मिल रहा बढ़ावा


कोटा, 8 मई (हि.स.)। मंडल में डीआरएम अनिल कलरा के मार्गदर्शन में संरक्षा से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। रेलवे द्वारा रेल पटरियों की आंतरिक संरचना की सूक्ष्म जांच के लिए अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (युएसएफडी) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। मंडल ने युएसएफडी जाँच में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिससे रेल में दरारें, फ्रैक्चर और आंतरिक कमज़ोरियों जैसी खामियों का जल्द पता लगाने में मदद करके रेल संरक्षा में काफ़ी वृद्धि हुई है।

विगत वित्तीय वर्ष में मंडल ने यूएसएफडी से जाँच के लिए कुल नाै टीमों का गठन किया गया है। यूएसएफडी टीम ने कुल 10,155 किलाेमीटर ट्रैक लंबाई का परीक्षण किया है। साथ ही यूएसएफडी मशीनों से 7,465 किमी रेल परीक्षण, 33,789 वेल्ड परीक्षण, 4,373 एसईजे (स्विच एक्सपेंशन जॉइंट) परीक्षण एवं 4,075 टर्नआउट परीक्षण कर सूक्ष्मता से जांच की गई।

अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (युएसएफडी) की कार्यप्रणाली के भौतिक प्रदर्शन को मीडियाकर्मियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसमें इस अत्याधुनिक उपकरण की विशेषता, लाभ, कार्यशैली इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। रेलवे की संरक्षा प्रणाली में मंडल द्वारा किये जा रहे आधुनिक प्रयास, सक्रिय रखरखाव और बेहतर रेल सुरक्षा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

इस अवसर पर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय) महेंद्र सिंह, वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन, स्टेशन निदेशक एन. के मीना, वरिष्ठ जन सम्पर्क निरीक्षक शिव शंकर शाह, वाणिज्य पर्यवेक्षक महेश राठौर एवं इंजीनिरिंग विभाग के एसएसई मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

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