राहुल गांधी अपरिपक्व, पनौती शब्द का मतलब भी पता नहीं : अरुण चतुर्वेदी

राहुल गांधी अपरिपक्व, पनौती शब्द का मतलब भी पता नहीं : अरुण चतुर्वेदी
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राहुल गांधी अपरिपक्व, पनौती शब्द का मतलब भी पता नहीं : अरुण चतुर्वेदी


जयपुर, 22 नवंबर (हि.स.)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए उपयोग में लिए गए अशोभनीय शब्द पनौती को भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने एक बयान जारी कर राहुल गांधी की अपरिपक्वता करार दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पनौती शब्द का मतलब भी पता नहीं है, अगर ऐसा होता तो वे इस शब्द को कभी भी काम में नहीं लेते। उन्हें पता होना चाहिए कि पनौती वह व्यक्ति है जिसके नेतृत्व में पार्टी एक भी चुनाव नहीं जीत पाई। यही नहीं पनौती वह होता है जिसके केन्द्र की सत्ता पर काबिज रहने के 10 साल बाद उपाध्यक्ष बनते ही पार्टी के दुर्दिन शुरू हो जाते है। पनौती वह होता है जो 50 वर्ष की उम्र पार करने के बाद मानसिक रूप से परिपक्व नहीं हो पाता है।

भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि इस प्रकार चुनावी सभा में देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री के लिए जिस प्रकार राहुल गांधी ने हल्के शब्दों का उपयोग किया है उससे उनके संस्कारों का पता पूरे देशवासियों को चल गया है। इतिहास गवाह रहा है कि जब भी कांग्रेस हार की ओर अग्रसर होती है तो उनके नेता अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं। इसके कारण वे बहुत ही निम्न स्तर के शब्दों के उपयोग पर उतर आते हैं और राहुल गांधी के ये शब्द भी उनकी बौखलाहट का ही परिणाम है।

भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि चुनावी माहौल में भाषण के जरिए अपनी विफलताओं को लोगों के बीच पहुंचा रहे राहुल गांधी के इन्हीं बचकाने भाषणों के कारण मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब तक चुनाव प्रचार से दूर रखा था। अब जब उन्हें यकीन हो गया कि पार्टी राजस्थान में चुनाव नहीं जीत पाएगी तो यहां माहौल बिगाडने के लिए राहुल गांधी को आगे किया गया है। पीएम नरेन्द्र मोदी के लिए पनौती जैसे शब्दों का उपयोग करने वाले राहुल गांधी एक बार अपना ट्रेक रिकार्ड जांचे। उनका रिकार्ड देखने के बाद पूरा देश राहुल गांधी को ही पनौती मान रहा है। राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद से देश में 14 राज्यों में विधासभा चुनाव और अब लोकसभा चुनाव हुए हैं। 14 राज्यों में से कांग्रेस सिर्फ चार राज्यों में ही अपनी सरकार बना पाई। ये राज्य कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान हैं, वहीं कांग्रेस ने इन चुनावों में मेघालय और मिजोरम राज्य गंवा दिए।

चतुर्वेदी ने कहा कि राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले कांग्रेस की कमान संभाली थी लेकिन गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा किया था, जबकि बीजेपी ने 99 सीटें जीतकर राज्य में एक बार फिर सरकार बनाई थी। साल 2018 में त्रिपुरा में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था, यहां कांग्रेस पहले मुख्य विपक्षी हुआ करती थी। इस चुनाव में बीजेपी गठबंधन को 43 सीटों पर जीत मिली थी।

भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि मिजोरम विधानसभा चुनाव में 10 साल बाद कांग्रेस को पस्त कर एमएनएफ ने सत्ता में वापसी, की थी. यहां बीजेपी ने पहली बार खाता खोला था। यहां 40 विधानसभा सीटों में से एमएनएफ ने बहुमत हासिल करते हुए 26 सीटें जीती थी, इस चुनाव में कांग्रेस को 26 सीटों का नुकसान हुआ था और उसे सिर्फ 5 सीट पर जीत मिली थी। इस प्रकार पूरे देश से कांग्रेस का सफाया करने के बाद राहुल गांधी स्वयं के स्थान पर प्रधानमंत्री के लिए पनौती शब्द का उपयोग कर रहे है जो बेहद शर्मनाक है, ऐसे में राहुल गांधी को अपने बयान के लिए आमजन के बीच जाकर माफी मांगनी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/संदीप

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