लोक मंगल और जगत कल्याण के लिए सर्वस्व समर्पण का भाव आवश्यक: पद्मश्री निवेदिता दीदी

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लोक मंगल और जगत कल्याण के लिए सर्वस्व समर्पण का भाव आवश्यक: पद्मश्री निवेदिता दीदी


बांसवाड़ा /उदयपुर, 25 दिसंबर (हि.स.)। समाज और राष्ट्र के सर्वांगीण उत्थान के लिए प्रत्येक व्यक्ति को लोक मंगल और जगत कल्याण के उद्देश्य से पूर्ण समर्पण भाव के साथ सक्रिय होना चाहिए।

यह विचार विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष, सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक चिन्तक एवं पद्मश्री से अलंकृत सुश्री निवेदिता भिडे़ ने बांसवाड़ा जिले में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में व्यक्त किए। उन्होंने जनजाति अंचलों में प्रत्यक्ष संवाद करते हुए सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय दायित्वों के निर्वाह के लिए जागरूकता के साथ सतत सहभागिता का आह्वान किया।

पद्मश्री भिडे़ ने आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ घोटिया आम्बा धाम स्थित मंदिर परिसर में आयोजित बैठक में साधु-संतों एवं भगतों से गहन संवाद किया। इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रों में रचनात्मक गतिविधियों के विस्तार, धर्म जागरण तथा संस्कार संवहन को सुदृढ़ करने पर विस्तार से चर्चा हुई। सभी ने संगठित एवं योजनाबद्ध प्रयासों के माध्यम से इन गतिविधियों को गति देने का सामूहिक संकल्प लिया।

उन्होंने विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी द्वारा संचालित आनंदालय गतिविधियों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि शिक्षा, संस्कार और नैतिक मूल्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धर्म जागरण केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक निरंतरता का आधार है। विवेकानंद केन्द्र के उद्देश्यों और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र निरंतर धर्म जागरण के पथ पर अग्रसर रहते हुए समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचने के लिए व्यापक प्रयास कर रहा है।

बैठक में विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी के अन्तर्गत संचालित पश्चिम क्षेत्र जनजाति सेवा प्रकल्प के प्रकल्प संयोजक तथा बड़ा रामद्वारा के संत रामप्रकाश रामस्नेही महाराज ने धूणी धामों को धर्म जागरण एवं धर्म रक्षा के प्रभावी केन्द्र के रूप में विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने संतों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित प्रवास करते हुए जन-जागरण गतिविधियों को निरंतर विस्तार दें।

प्रकल्प प्रमुख कांतिलाल व्यास ने जनजाति समाज को सनातन धर्म से सुदृढ़ रूप से जोड़े रखने के लिए संतों के निरंतर प्रवास और धार्मिक जागरण से जुड़ी बहुआयामी गतिविधियों की निरंतरता को अनिवार्य बताया।

इस अवसर पर संत नर्सिंग गिरि महाराज एवं संत रामगिरि महाराज ने धर्म रक्षा से जुड़े अनेक प्रेरक प्रसंग साझा करते हुए उपयोगी सुझाव प्रस्तुत किए।

बैठक में विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी के राजस्थान प्रान्त से जुड़े पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इनमें प्रान्त संचालक शकुंतला दीदी, प्रान्त प्रमुख भगवान सिंह, प्रान्त संगठक शीतल दीदी, प्रान्त सह संचालक डॉ. गंगाहरि विष्णु दिवाकर, भीलवाड़ा जिले से नगर प्रमुख भूपेंद्र जोशी, निधि प्रमुख अविनाश पारीक, सह योग प्रमुख (जयपुर विभाग) रवि भांभी, भीलवाड़ा नगर संगठक संगीता दीदी, पश्चिम क्षेत्र जनजाति सेवा प्रकल्प के सह प्रकल्प प्रमुख जय गिरिराज सिंह चौहान एवं व्यवस्था प्रमुख कमल भट्ट प्रमुख रहे।

बैठक में बांसवाड़ा जिले में संचालित जनजाति सेवा प्रकल्प की विविध गतिविधियों की भी समीक्षा की गई। वक्ताओं ने कहा कि इन कार्यों से जनजाति समाज के उत्थान के साथ-साथ सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को मजबूती मिली है तथा समाज में कल्याणकारी प्रवृत्तियों को सशक्त सम्बल प्राप्त हो रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

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