आईआईटी जोधपुर ने जमीन, हवा और पानी में चलने वाले स्वदेशी हाइब्रिड वाहन का प्रोटो टाइप बनाया
जोधपुर, 14 मार्च (हि.स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं ने एक हाइब्रिड, मानव रहित, हवा और पानी के नीचे चलने वाले वाहन के लिए एक मजबूत नियंत्रण प्रणाली और डिजाइन विकसित किया है। हाइब्रिड वाहन जमीन और पानी दोनों पर चल सकते हैं। समुद्र तटों, नदियों में तेल रिसाव का मानचित्रण करने, पानी के नीचे कटाव और प्रदूषण फैलाव जैसे कार्यों के लिए यह आवश्यक हैं। इन वाहनों को चलाने वाली एक सुदृढ़ गणितीय प्रणाली विकसित करके यह शोध उन्हें अधिक सक्षम और कुशल बनाने में मदद करेगा और लाइफ गार्ड बचाव प्रयासों और यहां तक की पानी के नीचे और हवाई फोटोग्राफी जैसे उनके कार्यों पर बेहतर ढंग से लागू होगा।
यह शोध आईआईटी जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर प्रो. जयंत कुमार मोहंता और उनके शोधार्थी जय खत्री, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर संदीप गुप्ता और आईआईटी पलक्कड़ के प्रोफेसर संतकुमार मोहन द्वारा लिखा गया था और इसे एयर 23: रोबोटिक्स में प्रगति पर 2023 के छठे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था। टीम ने इस प्रणाली को पक्षी एन्हिंगास की एक प्रजाति से प्रेरणा लेकर विकसित किया है जो जमीन और पानी के नीचे दोनों पर चलने में सक्षम है। इसके आधार पर अनुसंधान टीम ने विभिन्न घटकों और वाटर प्रूफिंग से बना एक 3डी-मुद्रित प्रोटोटाइप बनाया है। रिमोट कंट्रोल ट्रांसमिशन का उपयोग करके हवाई, पानी की सतह और पानी के नीचे पैंतरेबाज़ी के लिए प्रोटोटाइप का परीक्षण किया गया है।
इस तरह करता है पैंतरेबाजी
अब तक आईआईटी जोधपुर टीम द्वारा प्रस्तावित एल्गोरिदम वाला यह प्रोटोटाइप अनिश्चितता के संदर्भ में पानी और हवा के बीच सुचारू संक्रमण के लिए छह पैंतरेबाज़ीयां करने में सक्षम है। ये पैंतरेबाजियां हवा से पानी के अंदर गोता लगाना, पानी के अंदर से हवा में उड़ान भरना, हवा से पानी की सतह पर उतरना, पानी की सतह से पानी के अंदर गोता लगाना, पानी के अंदर से सतह पर उतरना और पानी की सतह से उड़ान भरना है।
आठ घंटे पानी में रह सकता है: प्रो. मोहंता
आईआईटी जोधपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर प्रो. जयंत कुमार मोहंता ने बताया कि यह प्रोटोटाइप सतह पर एक जहाज की तरह चल सकता है, हवा में उड़ सकता है और पानी में डूबे होने पर भी नेविगेट कर सकता है। इसकी उड़ान का समय 15 मिनट है और यह 8 घंटे तक पानी के भीतर रह सकता है। पिछले कुछ वर्षों में इस विषय में रुचि बढ़ रही है लेकिन यह तकनीक फिलहाल अमेरिका और चीन जैसे बहुत कम देशों के पास है। हम अपना स्वदेशी उत्पाद विकसित करना चाहते थे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह लडख़ड़ाए या डगमगाएं नहीं, शोधकर्ताओं ने एक मजबूत बैकस्टेपिंग नियंत्रण का प्रस्ताव दिया ताकि रोबोट बाधाओं और गड़बड़ी के बावजूद भी स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ सके और स्थिरता सुनिश्चित कर सके। परीक्षणों से पता चलता है कि यह बैकस्टेपिंग नियंत्रण अनिश्चितता के समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करता है, जिससे यह एक शक्तिशाली रूप से निर्मित संरचना बन जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप
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