नशा छोड़ आदर्श जीवन जी रहे लोगों की कहानियों से लोगों को रुबरु कराएं : कलेक्टर
आबूरोड, 26 जून (हि.स.)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा नशे की रोकथाम और मुक्ति के लिए सराहनीय प्रयास किए जा रहे हैं। संस्थान द्वारा भारत सरकार के साथ एमओयू साइन किया गया है, जिसमें देशभर में नशामुक्त भारत अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। लोगों को नशे के प्रति जागरूक करने में ब्रह्माकुमारी बहनों का बड़ा योगदान है।
उक्त उद्गार जिला कलेक्टर शुभम चौधरी ने व्यक्त किए। मौका था ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिकल विंग द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान (अंतरराष्ट्रीय दिवस 12 से 26 जून) को लेकर शांतिवन परिसर में आयोजित सेमीनार का। सेमीनार में कलेक्टर चौधरी ने लोगों से आह्वान किया कि अपने आसपास बच्चे या बड़े जो नशा कर रहे हैं उन्हें समझाइश दें और नशे से दूर करें। जब तक हम खुद नशे से दूर नहीं रहेंगे तब तक दूसरे के लिए नहीं कर सकते हैं। इस दौरान कलेक्टर ने महात्मा गांधी के बच्चे के गुड़ छुड़ाने के किस्से का उदाहरण भी दिया कि कैसे हम किसी से कोई नशा छुड़वा सकते हैं। ऐसे लोगों को सामने लाएं और उनके अनुभवों से समाज को रुबरु कराएं जो पहले बहुत नशा करते थे और आज संयमित, आदर्श और नशामुक्त जीवन जी रहे हैं। इससे नशे से ग्रस्त लोगों को प्रेरणा मिलेगी। कार्यकारी सचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने कलेक्टर चौधरी का शॉल ओढ़ाकर और परमात्मा का स्मृति चिंहृ भेंट कर स्वागत किया।
मेडिकल विंग के सचिव डॉ. बनारसी लाल ने सभी को संकल्प कराया कि हम संकल्प लेते हैं कि जीवन में सदा सभी प्रकार के नशे से दूर रहेंगे। किसी भी परिस्थिति में नशे को हाथ नहीं लगाएंगे। न खुद नशा करेंगे और न ही दूसरे के लिए करने देंगे। अपने घर के आसपड़ोस के लोगों को जागरूक करने नशा छोड़ने के लिए संकल्पित करेंगे। उन्होंने बताया कि नशामुक्त भारत अभियान के तहत देशभर में अब तक करीब दस हजार कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। हमने जितनी उम्मीद की थी उससे कई गुना अधिक अभियान को समर्थन मिल रहा है। ब्रह्माकुमार भाई-बहनें नशामुक्त रथ के माध्यम से स्कूल-कॉलेजों में जाकर विद्यार्थियों को सदा नशे से दूर रहने का संकल्प करा रहे हैं।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका डॉ. सविता दीदी ने कहा कि नशा जीवन का नाश कर देता है। इससे न केवल तन बल्कि मन को भी हानि पहुंचती है। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में एक नहीं बल्कि हजारों ऐसे लोग हैं जिनका मात्र सात दिन के राजयोग मेडिटेशन कोर्स के दौरान ही नशा छूट गया था। पीआरओ बीके कोमल ने स्वागत भाषण दिया। संचालन बीके डॉ. रीना दीदी ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
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