नवरात्रि की तैयारियां जोरों परः दुर्गा बाड़ी में बनाई जा रहीं है इको फ्रेंड़ली माता रानी की मूर्ति
जयपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। बनीपार्क स्थित दुर्गाबाड़ी में नवरात्रि को देखते हुए इन दिनों मां दुर्गा की आराधना करके उन्हें प्रसन्न करने के लिए उत्साह का अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है। दुर्गाबाड़ी में नवरात्रि में माता रानी के जागरण में भजनों की अलग ही रसगंगा बहेगी। श्रद्धालु माता रानी के समक्ष सुख समृद्धि, स्वास्थ्य और ऐश्वर्य का आशीर्वाद लेंगे। माता रानी की सामूहिक आराधना के लिए भव्य पंडाल की तैयारी जोरों पर है।
कोलकाता से आए कारीगर अलौकिक प्रतिमा के साथ जुटे है भव्य पंडाल बनाने में
मूर्ति बनाने वाले कोलकाता के कारीगर अमित दास ने बताया कि नवरात्रि में माता रानी की आराधना के लिए कोलकाता सहित अन्य राज्यों से आए कारीगर सामूहिक दुर्गा पूजा के लिए भव्य और अलौकिक प्रतिमा बनाने के साथ -साथ विशाल पंडाल भी तैयार करने में जुटे है। जो लगभग बन कर तैयार हो चुका है। इस पंडाल को तैयार करने में पचास कारीगरों ने अपना श्रमदान किया है। इसी के साथ पांच कारीगरों ने गंगा की मिट्टी से एक महीने में पांच प्रतिमाएं तैयार की है। जो इको फ्रेंडली मिट्टी के रंगों से मनाई गई है। जिसे पानी में विसर्जित करने पर पानी दूषित नहीं होता। मूर्ति बनाने में बांस का भी इस्तेमाल किया गया है। जो पानी के डालते ही मिट्टी से अलग हो जाएंगे और पानी में बह कर आगे निकल जाएंगे और मिट्टी पानी के सम्पर्क में आते ही नीचे सतह में बैठ जाएगी।
ऐसे बनाई इको फ्रेंडली मूर्ति
इको फ्रेंडली मूर्ति बनाने के लिए चॉक पाउडर , मिट्टी के रंग और फलों से बने नेचुरल रंगों का उपयोग किया गया है। इसी के साथ नारियल की जटा भी काम में ली गई है। नारियल मिट्टी में मिलाकर सांचे में डाला जाता है। जिससे मूर्ति को आकार मिल जाता है। जिसके बाद नेचुरल रंगों से मूर्ति में रंग भरा जाता है।
पचास फीट ऊंचा और दो सौ फीट लंबा होगा पांडाल
दुर्गा महोत्सव के लिए दुर्गाबाड़ी में पश्चिम बंगाल के कारीगरों ने पचास फीट ऊंचा और दो सौ फीट लंबा पांडाल तैयार किया है। जो गोल्डन और व्हाइट थीम पर बनाया गया है। पंडाल बंगाल के जमींदारों की हवेली जैसा है। भव्य पंडाल में मां दुर्गा, महालक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिकेय और गणेशजी की प्रतिमाएं विराजमान की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश
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