प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की एक दिवसीय प्रदेश स्तरीय कार्यशाला आयोजित
जयपुर, 19 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में किया गया। इस दौरान कार्यशाला के दो सत्र आयोजित किए गए जिसमें प्रथम सत्र को भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रदेश संयोजक प्रभुलाल सैनी ने संबोधित किया। वहीं दूसरे सत्र को मथुरा विधायक श्रीकांत शर्मा ने संबोधित किया। कार्यशाला के दौरान ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्षों और जिला महामंत्रियों को प्रदेशभर से पांच लाख दस्तकारों और कारीगरों को इस योजना से जोड़ने के लक्ष्य को लेकर चलने का आह्वान किया गया। जिसमें प्रत्येक ग्राम पंचायत से 50 दस्तकारों और कारीगरों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में 18 पारंपरिक ट्रेड के कारीगरों को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के विजन पर काम किया जाएगा।
भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूरदृष्टि के नेता हैं और इसी वजह से उनकी लोकप्रियता हर दिन बढ़ रही है। कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने आजादी के बाद जो आर्थिक रोडमैप बनाया उसमें हमारे पारंपरिक व्यवसायों लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और किसानों को कौशल से दूर करने का प्रयास किया। वहीं दूसरी ओर सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ. भीमराव अंबेडकर और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नवनिर्माण और पुननिर्माण पर बल दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती पर पांरपरिक व्यवसायों को पुर्नजीवित करने का प्रयास किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की संकल्पना सार्मथ्य और समृद्धि को साकार करने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी हर दिन काम कर रहे हैं। प्रदेश, जिलों और ग्राम पंचायत स्तर पर इसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे। भाजपा गरीब समर्थक दल है और प्रधानमंत्री गरीब समर्थक नेता हैं। इसलिए उन्होंने गांव के उस छोटे कामगार दस्तकार और कारीगर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहल की है।
मथुरा विधायक श्रीकांत शर्मा ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत बूथ स्तर से कुशल कारीगरों को जोड़ना है। प्रदेश स्तरीय कार्यशाला के बाद सभी जिलों में भी कार्यशाला का आयोजन किया जाना है जिसमें जनसुविधा केंद्रों पर पंजीकरण कराना और नियमों के आधार पर रूपरेखा तैयार करनी है। इस योजना के शुरूआती चरण में एक घर से एक ही व्यक्ति को योजना का लाभार्थी बनाया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत परंपरागत रूप से हाथ के कौशल से उत्साह और समर्पण द्वारा पीढ़ियों से काम कर रहे ऐसे पारंपरिक दस्तकारों का उत्थान करना है। इस तरह के दस्तकार मौजूदा दौर में बाजार से दूरी रखने के चलते चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इस योजना के तहत 18 प्रकार के हाथ के दस्तकार और शिल्प कला से जुड़े लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के प्रदेश संयोजक प्रभुलाल सैनी ने कार्यशाला के दौरान सभी ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्षों और पार्टी महामंत्रियों से इस योजना के संबंध में सुझाव लिये और विभिन्न सवालों के जवाब भी दिये। इस दौरान उन्होने कहा कि पीएम मोदी का लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत बनाना और ऐसे दस्तकार और शिल्पकार जो कि दैनिक जीवन के लिए उपयोगी हैं उनका उत्थान करना। इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें इसमें नाई, सुनार, सुथार, मोची, कुम्हार, मालाकार, दर्जी, राजमिस्त्री, कारीगर, मूर्तिकार, नाव बनाने वाले, पत्थर तोड़ने वाले इस तरह की 18 कैटेगिरी बनाई गई हैं इन सभी के प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक प्रशिक्षण शिविर में पात्र लाभार्थी को 500 रुपये प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा। इसके अलावा वह जो काम करता है उसकी टूल किट के लिए आर्थिक सहायता और एक लाख तक का बिना ब्याज का लोन उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य आजादी के अमृतकाल में समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति का हित है।
कार्यशाला के दौरान मंच संचालन भाजपा प्रदेश महामंत्री मोतीलाल मीणा ने किया इस अवसर पर मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ओंकार सिंह लखावत, पूर्व केश कला समिति अध्यक्ष मोहन मोरवाल और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी कुलपति कन्हैया लाल बैरवा मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/ ईश्वर/संदीप
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