राजस्थान में 1,72,468 शहरी पीएम आवास तैयार

जयपुर, 25 मई (हि. स.)। वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) श्रेणी के परिवारों के जीवन में बदलाव ला रही है। खास बात यह है कि इस योजना के तहत महिला सदस्य या संयुक्त नाम पर घरों का स्वामित्व प्रदान किया जाता है जो महिला सशक्तीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कहा जा सकता है।
एक आंकलन के अनुसार वर्ष 2004 से 2014 के बीच सिर्फ 8.04 लाख आवासों का निर्माण पूरा हो पाया था। जबकि, वर्ष 2015 के बाद से अब तक 74 लाख से ज्यादा आवासों का निर्माण हो गया है। इसके अलावा, केंद्रीय सहायता में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जो 2004-2014 की अवधि के दौरान केवल 0.20 लाख करोड़ थी, अब यह बढ़कर 2.01 लाख करोड़ हो गई है।
राजस्थान की बात करें तो प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत 2 लाख 96 हजार 862 आवासों की स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनमें से एक लाख 72 हजार 468 आवास बनकर तैयार हो चुके हैं। केंद्र ने इस योजना के लिए 5600 करोड़ रुपये से अधिक की केन्द्रीय सहायता राशि स्वीकृत की है।
सभी के लिए आवास विजन वाली प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) दुनिया के सबसे बड़े आवास कार्यक्रमों में से एक है। पीएमएवाई (यू) ने किफायती आवास प्रदान कर, रहने की स्थिति में सुधार कर और महिलाओं को सशक्त बनाकर परिवारों को सम्बल प्रदान किया है। इस योजना ने घर के स्वामित्व, झुग्गी पुनर्वास और बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराया है, जिससे के परिवार झुग्गी से बाहर निकल कर पक्के घर में बसे हैं। रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। कुल मिलाकर, इसने नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग में काफी सुधार किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/संदीप
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