अनुसूचित क्षेत्र के लोगों को योजनाओं का समुचित और समय पर लाभ मिले: राज्यपाल
जयपुर, 24 फ़रवरी (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने जनजाति क्षेत्रों में विभिन्न संवर्गों के रिक्त पदों को भरने के लिए समयबद्ध और प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सभी स्तरों पर यह सुनिश्चित किया जाए कि अनुसूचित क्षेत्र के लोगों को उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का समुचित और समय पर लाभ मिले। उन्होंने जनजाति क्षेत्र में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़े जाने, उनके कौशल प्रशिक्षण, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, विद्युत तथा पेयजल सेवाओं की उपलब्धता के लिए अधिकारियों को गंभीर होकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय लोगों को गरीबी और अभावों से मुक्त कर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।
राज्यपाल मिश्र शनिवार को राजभवन में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से संबंधित विकास योजनाओं की विशेष समीक्षा बैठक में संबोधित कर रहे थे।अनुसूचित क्षेत्र में विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के बकाया प्रकरणों को लेकर राज्यपाल ने नाराजगी भी जताई तथा कहा कि इस संबंध में लापरवाही को भविष्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जनजाति क्षेत्रों के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का सही रूप में और शत-प्रतिशत लाभ मिले।
उन्होंने जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल की धीमी प्रगति पर रोष जताते हुए इसे गंभीरता से लेने के निर्देश दिए।
मिश्र ने आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए भी विशेष जोर दिया। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों के विपणन से जुड़ी उद्यमिता विकास गतिविधियों के क्रियान्वयन के भी निर्देश दिए।
राज्यपाल ने जनजाति क्षेत्र विकास विभाग एवं जनजाति उपयोजना मद में बजट आवंटन और व्यय की गई राशि के संबंध में विशेष रूप से समीक्षा की तथा कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में लोगों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक स्तर को ऊंचा उठाने से संबंधित सभी योजनाओं की अधिकारी प्रभावी मॉनिटरिंग करें। उन्होंने जनजाति क्षेत्र के आवासीय विद्यालयों, खेल छात्रावास, विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों के बारे में भी जानकारी ली तथा कहा कि इन्हें भरने के लिए कागजी कार्यवाही नहीं, परिणाममूलक ठोस प्रयास हों। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार ही वह माध्यम है जिससे वहां विकास को व्यावाहरिक रूप में क्रियान्वित किया जा सकता है।
अनुसूचित क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत पेयजल उपलब्धता की प्रगति की राज्यपाल ने बैठक में विशेष समीक्षा की। उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर ग्रामीण परिवार को नल से पानी के कनेक्शन की शत-प्रतिशत पालना सुनिश्चित की जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही और कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अनुसूचित क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्र के भवनों तथा उनमें पानी, बिजली, शौचालयों तथा उनके रख-रखाव के लिए भी प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया।
राज्यपाल मिश्र ने प्रधानमंत्री पोषण योजना के क्रियान्वयन एवं प्रभाव की स्थिति पर भी बैठक में विशेष रूप से चर्चा की तथा कहा कि समेकित बाल विभाग सेवाओं को प्रभावी किया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं को इन क्षेत्रो में स्थानीय उत्पादों की उद्यमिता से जोड़ा जाए। उन्होंने लघुवन उपज एवं औषधीय पौधों की विपणन व्यवस्था, मंडी निर्माण तथा इनके माध्यम से आदिवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए भी अधिकाधिक कार्य करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद आधारित उद्योगों को बढावा दिया जाए ताकि विशेष क्षेत्रों की अपनी उत्पाद पहचान बनें। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में फल और फसल उत्पादन प्रोत्साहन के साथ उनके प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयों की स्थापना के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया।
जनजाति क्षेत्र विकास विभाग मंत्री बाबू लाल खराड़ी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के युवाओं को प्रशासनिक सेवाओं में चयन के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था हो ताकि इन क्षेत्रों से भी भारतीय प्रशासनिक और पुलिस तथा अन्य सेवाओं के अधिकारी चयनित होकर आएं। उन्होंने युवाओं के कौशल विकास के लिए कोचिंग की प्रभावी व्यवथा की आवश्यकता जताई। उन्होंने स्थानीय लोगों के लिए रोजगार सृजन, उद्यमिता विकास के साथ बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता जताई।
बैठक में जनजातीय और ग्रामीण विकास विभागीय स्तर पर जनजाति क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों के बारे में अधिकारियों से विशेष जानकारी दी। बैठक में उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा, कृषि विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया, कौशल विकास विभाग सचिव पी. सी. किशन, आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, स्वास्थ्य मिशन निदेशक जितेन्द्र सोनी आदि ने भी अपने विभाग से संबंधित जानकारियां दी। बांसवाड़ा डूंगरपुर, चित्तौड़गढ़, पाली, राजसमंद, सिरोही, डूंगरपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़, सलूंबर के जिला कलेक्टर बैठक में ऑनलाइन जुड़े।
पूर्व में राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल ने जनजातीय क्षेत्र से जुड़ी योजनाओं की प्रगति और चुनौतियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया। बैठक में राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल सहित बड़ी संख्या में अधिकारियों ने भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप
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