स्तरीय किंतु असंतुलित रहा नीट-यूजी का पेपर

स्तरीय किंतु असंतुलित रहा नीट-यूजी का पेपर
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स्तरीय किंतु असंतुलित रहा नीट-यूजी का पेपर


कोटा, 5 मई (हि.स.)। देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश-परीक्षा नीट-यूजी-2024 का पेपर गत वर्ष के मुकाबले थोड़ा स्तरीय रहा। एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि फिजिक्स के पेपर में 60 प्रतिशत प्रश्न बारहवीं कक्षा के सिलेबस से पूछे गए जबकि 11वीं कक्षा से मात्र 40 प्रतिशत प्रश्न पूछे गए।

देव शर्मा ने बताया कि फिजिक्स के प्रश्न पत्र में कैपेसिटर चार्जिंग के दौरान प्रवाहित होने वाली डिस्प्लेसमेंट-करंट तथा डुएल नेचर से पार्टिकल की डी ब्रोग्ली वेवलेंथ एवं एनर्जी के मध्य ग्राफ से संबंधित स्तरीय प्रश्न पूछे गए। मैकेनिक्स,थर्मोडायनेमिक्स, करंट इलेक्ट्रिसिटी तथा मॉडर्न फिजिक्स से साधारण प्रश्न पूछे गए। देव शर्मा ने बताया कि सिंपल हार्मोनिक मोशन,ग्रेविटेशन, प्रॉपर्टीज ऑफ मैटर, कैपेसिटर, अल्टरनेटिंग-करंट, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक-वेव तथा लॉजिक-गेट सभी टॉपिक्स से फॉर्मूला एवं फैक्ट-बेस्ड क्वेश्चंस पूछे गए। देव शर्मा ने बताया कि वर्ष-2023 की भांति ही फिजिक्स के इस क्वेश्चन-पेपर में टॉपिक-वाइज क्वेश्चंस का डिस्ट्रीब्यूशन बैलेंस्ड नहीं रहा। फिजिक्स विषय के 50-क्वेश्चंस में से 30-क्वेश्चंस 12वीं के सिलेबस से तथा 20-क्वेश्चन्स 11वीं के सिलेबस से पूछे गए

केमिस्ट्री में गणना आधारित प्रश्न बढे- शर्मा ने बताया कि केमिस्ट्री के प्रश्न पत्र में केमिकल-काइनेटिक्स, कोलिगेटिव-प्रॉपर्टीज(ऑस्मोटिक प्रेशर) तथा मोल-कॉन्सेप्ट से गणना आधारित प्रश्न पूछे गए। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री तथा इनॉर्गेनिक केमेस्ट्री से फैक्ट एवं फॉर्मूला बेस्ड साधारण प्रश्न पूछे गए। इनॉर्गेनिक केमेस्ट्री में मॉलेक्युलिस की शेप तथा ज्योमेट्री से संबंधित कॉलम मेचिंग का प्रश्न पूछा गया। क्वांटम-नंबर्स की सिगनिफिकेंस से संबंधित प्रश्न भी सामान्य स्तर का था। ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में लुकास-रिएजेंट के साथ एल्कोहोल्स की रिएक्शन से संबंधित प्रश्न पूछे गए। रिएक्शन तथा संबंधित रिएजेंट्स से संबंधित कालम-मैचिंग का प्रश्न भी पूछा गया।

कट-ऑफ बढ़ेगी या घटेगी-

उन्होंने बताया कि नीट-यूजी,2024 की कट-ऑफ बढ़ेगी या घटेगी यह कहना जल्दबाजी होगी। क्वेश्चन-पेपर के सोल्यूशन्स के आधार पर आंसर-की तैयार की जाएगी, जिससे विद्यार्थियों को स्कोर की गणना करने के लिए कहा जाएगा। विद्यार्थी द्वारा अर्जित अंकों के डाटा-एनालिसिस के पश्चात ही कट-ऑफ मार्क्स के बढ़ने या घटने पर तार्किक टिप्पणी की जा सकेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/ईश्वर

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