शिकारियों के फंदे में फंसा पैंथर का पैर, रेस्क्यू कर भेजा कोटा
भीलवाड़ा, 15 फ़रवरी (हि.स.)। शाहपुरा जिले के जहाजपुर के ग्राम रजवास की चरागाह भूमि पर शिकार करने की नियत से लगाएं गए फंदे में एक पैंथर का पैर फंस जाने से पैंथर चोटिल हो गया । जिसका रेस्क्यू कर कोटा भेजा है।
वनपाल मूलचंद शर्मा ने बताया कि कोटा से रेस्क्यू टीम को बुलाया गया। रेस्क्यू टीम में आने वाले डॉ विशाल राव, तेजेंद्र सिंह मुकुंदरा टाइगर, मनोज शर्मा, सुरेंद्र एवं धनराज शामिल थे। भीलवाड़ा से उप वन सरशक गौरव गर्ग भी पहुंचे। रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंचकर घायल पैंथर को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया। वेटरनरी स्टाफ द्वारा घायल पैंथर पर मरहम पट्टी की गई और रेस्क्यू वेन में पैंथर को कोटा ले जाया गया। वेटरनरी डॉ शैतान सिंह मीणा ने बताया कि घायल पैंथर के ट्रीटमेंट के लिए जहाजपुर पशु चिकित्सालय से कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और उपचार किया। इससे पूर्व जेसीबी मशीन से रास्ता बनाया गया। मौके पर वन विभाग के मांडलगढ़ से सहायक वन संरक्षक दशरथ सिंह राठौड़ मौके पर मौजूद रहे। पैंथर को देखने के लिए आई भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा। मांडलगढ़ जहाजपुर शाहपुरा वन विभाग के अधिकारी एवं कार्मिक सहित शक्करगढ़ थानाधिकारी श्रद्धा शर्मा भी मय जाब्ते के मौके पर मौजूद रहे।
पर्यावरण प्रेमी बाबूलाल जाजू का कहना है कि वाइल्ड एक्ट की विभिन्न धाराओं में यह प्रावधान है कि कोई भी शख्स किसी भी जंगली जानवर को बेवजह परेशान नहीं कर सकता इस तरह के फंदे लगाकर उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। कानून में इसके लिए सजावट जुर्माना का प्रावधान है। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने हाल ही में भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर के शक्करगढ थानान्तर्गत रजवास गांव में शिकारियों द्वारा जाल डालकर पैंथर का शिकार करने के मामले में वन व पुलिस विभाग के अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही बताते हुए कहा है कि वन व पुलिस विभाग का सूचना तंत्र कमजोर होने से पैंथर जैसे महत्वपूर्ण वन्यजीव के गले में फंदा डालकर शिकार की घटना घटित हुई है। जाजू ने वन व पुलिस विभाग से शिकारियों का पता लगाकर उनके विरूद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत ठोस कार्यवाही करने की मांग की है। जाजू ने बताया कि पैंथर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रथम अनुसूची का वन्यजीव होकर इसका शिकार गैर जमानती अपराध होकर इसमें सात वर्ष की सजा का प्रावधान है। जाजू ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजस्थान, पुलिस अधीक्षक भीलवाडा व उपवन संरक्षक भीलवाड़ा से शिकारियों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की मांग करते हुए मामले से पीएफए राष्ट्रीय अध्यक्ष मेनका गांधी एवं वाईल्ड लाईफ काईम कन्ट्रोल ब्यूरो को भी अवगत कराया है।
हिन्दुस्थान समाचार/मूलचंद/संदीप
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