नैतिक मूल्यों के पतन के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म एवं ऑनलाइन गेमिंग दोषी
जोधपुर, 26 दिसम्बर (हि.स.)। अखिल भारतीय साहित्य परिषद जोधपुर द्वारा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क मानजी का हत्था में ओटीटी प्लेटफार्म के दुष्प्रभावों पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का श्री गणेश मां भारती के मालार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। कार्यक्रम में परिषद के जोधपुर विभाग संयोजक विक्रम सिंह शेखावत ने हाल ही में रीवा मध्यप्रदेश में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्ताव को विस्तृत व्याख्या के रूप में सामने रखा। प्रस्ताव में ओटीटी प्लेटफार्म द्वारा सनातन संस्कृति के विरूपण, बाल एवं युवा मन पर हिंसक तथा अश्लील सामग्री के दुष्प्रभाव एवं ऑनलाइन गेमिंग कार्यक्रम की विद्रूपताओं को रख कर साहित्यकारों एवं गणमान्य विद्वजनों के हृदय को उद्वेलित करते हुए व्यापक मंथन करने का आह्वान किया। आज के सन्दर्भ में नैतिक मूल्यों के पतन, साइबर अपराध के लिए पूर्णत: ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म एवं ऑनलाइन गेमिंग दोषी है। इन पर नियंत्रण करने के लिए एक नियामक प्राधिकरण के गठन की महती आवश्यकता है। ऐसे कार्यक्रम बनाने वालों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। इसी क्रम में साहित्य परिषद द्वारा विभिन्न जिला, प्रांत एवं राष्ट्रीय स्तर पर उच्च अधिकारी गण को ज्ञापन देने का कार्यक्रम बड़े स्तर पर चलाया जाएगा।
आगामी 31 दिसंबर को जिला कलेक्टर को साहित्य परिषद द्वारा ज्ञापन देने का कार्यक्रम रखना तय किया गया। डॉ विनोद गहलोत ने रीवा अधिवेशन के अध्यक्षीय व्यक्तव्य को सभी के समक्ष रखा। सेवानिवृत उपाधीक्षक मोहन सिंह रतनू ने गांव नाचना पर स्वरचित कविता नाचना बिना ना नाचना से कार्यक्रम को काव्यमय बना दिया।
चंद्रवीर सिंह समरस द्वारा शांति पाठ से कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में भवानी सिंह खींची, राजेंद्र सिंह गहलोत, प्रेम सिंह कच्छवाहा, संग्राम सिंह, आदि उपस्थित रहे। जिलाध्यक्ष अजीत सिंह भाटी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री चंद्रवीर सिंह समरस ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

