पर्युषण पर्व पर बह रही तप-जप व आराधना की बयार, विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित

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पर्युषण पर्व पर बह रही तप-जप व आराधना की बयार, विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित


जोधपुर, 02 सितम्बर (हि.स.)। जैन धर्म के पर्वाधिराज पर्युषण पर्व पर प्रतिदिन तप-जप व आराधना सहित विभिन्न कार्यक्रम हो रहे है। इस दौरान चातुर्मास स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है।

रत्न प्रभ धर्म क्रिया भवन से सामूहिक लाभार्थियों परिवारों द्वारा गाजे-बाजे के साथ कल्पसूत्र का वरघोड़ा निकाला गया। संघ प्रवक्ता धनराज विनायकिया व दीपक कुमार सिंघवी ने बताया कि मुनि जगत पूज्य विजय आदि साधु साध्वी के सानिध्य में कल्पसूत्र सामूहिक लाभार्थी परिवारों द्वारा श्रीसंघ के साथ जैनों का महान सूत्र कल्पसूत्र क्रिया भवन लाया गया। साथ ही कलाकारों द्वारा कल्पसूत्र की प्रभु भक्ति की गई। मुनि जगत पूज्य विजय ने दैनिक छह कर्तव्यों व पोषध महिमा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि पौषध आत्मा की औषध है। जीवन में कर्तव्यों का अवश्य पालन करना चाहिए। ललित पोरवाल ने बताया के प्रवचन पश्चात श्रावक अशोक कुमार, भंवरलाल मेहता परिवार द्वारा एकासना का लाभ लिया गया। संघ सचिव उम्मेदराज रांका विनायकिया ने बताया कि चतुर्थ दिवस तीन सितंबर को सामूहिक लाभार्थी परिवारों द्वारा विधि विधान से कल्पसूत्र अर्पण करते हुए भक्तों को श्रवण कराया जाएगा व भगवान महावीर का पालना चढ़ावा भक्ति करने का आदेश भी दिया जाएगा। इसी तरह श्री चिंतामणि पाश्र्वनाथ जैन मंदिर गुरो के तालाब में कल्पसूत्र का चढ़ावा विमला देवी नरेंद्र सा तातेड़ परिवार ने लिया। इस दौरान चतुर्मास में विराजित नीती सूरी समुदाय के ध्यान रत्न विजय महाराज ने अपने प्रवचन में बताया कि श्रावक को पर्व दिनों में नम्रता व क्षमा रखनी चाहिए। मंदिर के ट्रस्टी ओमप्रकाश चोपड़ा ने बताया कि कल गुरुदेव ध्यान रत्न महाराज द्वारा कल्पसूत्र का वाचन होगा।

शुद्ध होना चाहिए व्यक्ति का आचार

पर्यूषण महापर्व पर भैरू बाग तीर्थ में धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य तत्वदर्शन सुरीश्वर ने आचार संपन्न, समृद्ध एवं समर्थ बनने की प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति का आचार शुद्ध होना चाहिए। उसमे वैरायटी एवं क्वालिटी के साथ प्योरिटी का होना भी आवश्यक है। उन्होंने धर्म को आचार में लाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि यदि आप धर्म को आचार में लाओगे तो आप धर्म संस्कारों से संपन्न एवं समृद्ध बनेंगे और ऐसे ही संस्कार आप अपने बच्चों में भी देने हेतु समर्थ बनेंगे। तीर्थ के प्रवक्ता दिलीप जैन एवं सचिव जगदीश गांधी ने बताया कि धर्म सभा में कल्पसूत्र वहराने, पांच ज्ञान पूजाओं सहित प्रभु के पालना को घर ले जाने हेतु चढ़ावे बोलना प्रारंभ किया गया। धर्म सभा में समाज सेवी उम्मेदराज जैन, गणेश भंडारी, आदेश्वर जैन, सुनील सिंघवी, कैलाश पटवा एवं भूरमल मरडिया सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

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