एनएसएसओ के अनिगमित सेक्टर के उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन

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एनएसएसओ के अनिगमित सेक्टर के उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण पर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन


जयपुर, 2 नवंबर (हि.स.)। भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत क्षेत्रीय कार्यालय (आरओ) जयपुर, फील्ड ऑपरेशंस डिवीजन (एफओडी), राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) ने अनिगमित क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई) 2023-2024 (अक्टूबर 2023-सितंबर 2024) पर गुरुवार को जयपुर में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।

एनएसएसओ के डीडीजी, आरओ- जयपुर आदित्य कुमार आर्य ने प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुये एएसयूएसई के महत्व के बारे में जानकारी दी । उन्होने बताया कि इसके माध्यम से गैर-कॉरपोरेट एंटिटी के रूप में काम करने वाले व्यापारिक या आर्थिक गतिविधियों के डेटा और जानकारी जुटाना है। इस क्षेत्र में अकेले स्वामित्व, साझेदारियां, और कॉरपोरेशन के रूप में पंजीकृत नहीं होने वाले व्यापारिक एंटिटी का अक्सर समावेश होता है। इस जानकारी का सरकारों, नीति निर्धारकों, आर्थशास्त्रियों, और व्यापारों के लिए मूल्यक्षय और इन उद्यमों के प्रदर्शन और गतिकरण का मूल्यांकन करने, उनकी चुनौतियों को समझने, और उनके विकास और विकास के लिए उपयुक्त नीतियों या समर्थन योजनाओं का विकसन करने के लिए मूल्यवान होती है।

एनएसएसओ के डीडीजी, जीओ-जयपुर एफओडी डॉ. हंसराज यादव ने अपने संबोधन में कहा कि इस प्रकार के सर्वेक्षण करने का उद्देश्य असमावेशी क्षेत्र के योगदान के अर्थव्यवस्था में अंदरूनी जानकारी जुटाना है, उनके आकार, आर्थिक प्रभाव, रोजगार उत्पन्न, राजस्व उत्पन्न, और उनकी भूमिका को समझना है। इसने यह भी ध्यान में रखा कि कैसे प्लांट और मशीनरी/उपकरण में मूल निवेश के डेटा को जमा करने का दिशा में फोकस दिया गया है, जिससे उद्यमों को माइक्रो, स्मॉल, और मीडियम एंटरप्राइजेस (एमएसएमई) और अन्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

एएसयूएसई विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्र में अनिगमित गैर-कृषि प्रतिष्ठानों की आर्थिक और परिचालन विशेषताओं के लिए विशेष रूप से समर्पित है। भारतीय अर्थव्यवस्था में, असंगठित क्षेत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रतिष्ठान हैं और यह देश के सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान के अलावा अकुशल/ अर्ध-कुशल/ कुशल व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है। तकनीकी सत्र का संचालन वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी एलएम शर्मा, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी केआर मीना और रोशन कुमावत ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

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