अंग प्रत्यारोपण और तस्करी मामले में पुलिस ने कसा शिकंजा, जल्द होगी गिरफ्तारी
जयपुर, 21 अप्रैल(हि. स.)। एसीबी के बाद अंग प्रत्यारोपण और तस्करी मामले में पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईएचसीसी और फोर्टिस अस्पताल में अंग तस्करी को लेकर मामले दर्ज हो चुके है। मामले दर्ज होने के बाद पुलिस ने इन दोनों अस्पतालों से अंग प्रत्यारोपण सहित अन्य सारे रिकॉर्ड जब्त कर जांच शुरू कर दी है। इनके बाद पुलिस मणिपाल अस्पताल से भी रिकॉर्ड जब्त करेंगी। मामले की तहकीकात के बाद दोषी डॉक्टर और अस्पताल कर्मचारियों को अरेस्ट किया जाएगा।
एडिशनल डीसीपी आशाराम चौधरी ने बताया कि अंग तस्करी और प्रत्यारोपण मामले में फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल से रिकॉर्ड उठाया गया है। सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। इस मामले में अरेस्ट डॉक्टर और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जाएगी। फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल के खिलाफ एक ही मामलो दर्ज है। मणिपाल अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण के साथ अंग तस्करी की भी बात सामने आई है। दोनों अस्पतालों की जांच के बाद मणिपाल अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि अंग प्रत्यारोपण मामले में एसीबी आरोपी गिरिराज शर्मा, अनिल जोशी, विनोद और गौरव सिंह को अरेस्ट कर चुकी है। जांच के लिए एसीबी की टीम ने डॉ. जितेन्द्र गोस्वामी, डॉ. राजेश गरसा, डॉ. ज्योति बंसल, डॉ. संदीप गुप्ता, उनके असिस्टेंट भानुप्रताप, ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर गिरिराज शर्मा, विनोद, ईएचसीसी हॉस्पिटल के डॉ. ए.के गुप्ता और डॉ. रवि गुप्ता, ऑर्गन को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी व एसएमएस हॉस्पिटल के एएसओ गौरव सिंह के मोबाइल जब्त कर एफएसएल को जांच के लिए भेज चुकी है। इसके अलावा गुरुग्राम पुलिस भी अंग तस्करी मामले में जांच कर रही है। गुरुग्राम पुलिस ने दलाल और अंग देने वाले लोगों को अरेस्ट किया है। गुरुग्राम पुलिस भी फोर्टिस और ईएचसीसी अस्पताल से रिकॉर्ड उठा चुकी है।
हिंदुस्तान समाचार /दिनेश सैनी
/ईश्वर
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