पूर्व-विधायक की पत्नी समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश
भीलवाड़ा, 7 मई (हि.स.)। भीलवाड़ा जिला कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व विधायक विवेक धाकड़ की पत्नी समेत छह महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। रविवार रात 11 बजे धाकड़ की बेटी ने अपनी मां पद्मिनी के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दादा और बुआ पर मारपीट कर घर से निकालने की बात कहते हुए मदद की गुहार लगाई थी। वीडियो सामने आने के बाद पूर्व विधायक धाकड़ के पिता पूर्व जिला प्रमुख कन्हैयालाल ने सोमवार को कोर्ट में इस्तगासा दायर कर बहू पद्मिनी और छह अन्य महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अपील की थी। पद्मिनी का आरोप है कि ससुर घर में नहीं रहने देते, कहीं अन्यत्र रहती हूं तो पीछे गुंडे लगा देते हैं।
कन्हैयालाल ने सोमवार को वकील तुषार डांगी के जरिए कोर्ट में इस्तगासा दायर किया। जिसमें मृतक बेटे विवेक धाकड़ की पत्नी पद्मिनी के अलावा अनीता पत्नी चंद्रदेव आर्य, वंदना सिंह पत्नी राजेश सिंह (जम्मू), नर्मदा सिंह पत्नी श्रीराम राजपूत (ग्वालियर मध्य प्रदेश), कृष्णा देवी पत्नी सुरेश मेहता (महावीर नगर, कोटा), कावेरी पत्नी महेश चंद्र निवासी (हरिद्वार) के खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट पश्चिम में मामला दर्ज करने की अपील की थी। इस्तगासे में बताया गया कि 25 अप्रैल को एसपी राजन दुष्यंत से मिले और बहू की शिकायत करते हुए रिपोर्ट दी। पांच मई को भी सुभाष नगर थाने पहुंचकर रिपोर्ट पेश की, लेकिन पुलिस ने न मुकदमा दर्ज किया, न ही किसी तरह की कोई कार्रवाई की। इसलिए कोर्ट की शरण ली।
कन्हैयालाल ने बहू पद्मिनी पर अपने बेटे को परेशान व प्रताड़ित करने के आरोप लगाए। यह भी लिखा है कि पद्मिनी ने ऐसे कई कारण पैदा किए जिसके चलते विवेक के पास सुसाइड के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा। बेटे विवेक की मौत के बाद पद्मिनी ने परिवार को सड़ा-सड़ाकर मारने और सारी प्रॉपर्टी अपने नाम करने की बात कही थी। सोमवार देर शाम धाकड़ की पत्नी पद्मिनी (45) ने अपनी बेटी अवनी (14) ने के साथ एसपी राजन दुष्यंत से मुलाकात की। उन्होंने अपने ससुर कन्हैयालाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ससुर मुझे घर में नहीं रहने देना चाहते हैं। मैं ससुराल (सुभाष नगर, भीलवाड़ा) जाती हूं तो गाली-गलौज और मारपीट करके घर से भगा दिया जाता है। रविवार सुबह मैं और बेटी अवनी घर गए तो हमारे साथ मारपीट की गई। मैंने सुभाष नगर थाना पुलिस को फोन करके बुलवाया। पुलिस ने मुझे और मेरी ननद को थाने में बैठाया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाया। शाम को घर लौटी तो रात में फिर गाली-गलौज और मारपीट की। इसके बाद मां-बेटी को घर से बाहर निकाल दिया।
रविवार देर रात बेटी अवनी ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया। ताकि जो लोग इस वीडियो को देखें वो कुछ मदद करें। वीडियो सामने आने के बाद भी कुछ खास हेल्प नहीं मिल पाई। जांच अधिकारी और सुभाष नगर थाना प्रभारी शिवराज ने बताया कि परिवार के दोनों पक्षों के बीच रविवार को झगड़ा हुआ था। उन्हें थाने लाकर समझाया। दोनों पक्षों की ओर से इस संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई करेंगे। पद्मिनी ने बताया कि एसपी से पति के घर में रहने की इच्छा जाहिर की है। अगर ससुर घर में नहीं रखना चाहते तो सामने वाले दूसरे मकान में रहने दें। वहां भी नहीं रहने देना चाहते तो 10-15 दिन का समय दें। ताकि मैं बेटी के साथ कहीं रहने की व्यवस्था कर सकूं। अगर मैं भीलवाड़ा में कहीं किराए पर भी मकान लेकर रहूंगी तो वे वहां भी नहीं रहने देंगे। हमें कोई भी किराए पर मकान नहीं देगा। बेटी के साथ कहां रहूं? जहां भी रहती हूं, ससुर निगरानी करते हैं। हॉस्टल के लड़के आकर धमकाते हैं। एसपी से मुलाकात की थी, उन्होंने कहा है कि अपनी व्यवस्था खुद कीजिए।
पद्मिनी ने बताया कि रविवार सुबह 8:30 बजे ससुर रूम में आए और गंदी-गंदी गालियां देने लगे। ससुर की दोनों बेटियां भी आ गईं। रिश्तेदारों को भी बुला लिया। सभी ने मुझसे और मेरी बेटी से मारपीट की। हमने पुलिस को फोन लगाया। देर रात तक मैं और मेरी ननद थाने में रुके। ये लोग तो थाने से घर चले गए, लेकिन मैं और मेरी बेटी कहां जाते। इसलिए बेटी ने रविवार देर रात वीडियो बनाया। थाने में पुलिस वाले बोले कि ये लोग बहुत खतरनाक हैं। आप घर जाओगी तो आपकी सेफ्टी को खतरा है। आपके साथ कुछ हो गया तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। अपनी व्यवस्था कर लो। आप अगर घर (ससुराल) जाना चाहती हो तो चले जाओ। हम थाने से घर पहुंचे, रूम में जाने लगे तो ससुर ने हॉस्टल के लड़कों को वहां इकट्ठा कर रखा था। उन्होंने धक्के मारकर हमें घर से निकाल दिया। अंदर नहीं जाने दिया। हम काफी देर तक पड़ोसी के घर के बाहर पट्टी पर बैठे रहे। ये लोग वहां भी पहुंच गए और बोले कि यहां मत बैठो।
मैंने पुलिस को फोन किया तो सुभाष नगर थाने से महिला कॉन्स्टेबल पहुंची। उन्होंने उनसे बात कर कहा कि इन्हें यहां से हटाओ। कॉन्स्टेबल ने हमें कहा कि आप या तो हमारे साथ थाने चलो, वहां हम आपकी व्यवस्था करते हैं। वरना अपने लेवल व्यवस्था कर लो। हम लोग मंदिर के बाहर जाकर बैठे और इधर-उधर भटकते रहे।
दूसरे दिन सोमवार को जब मैं स्कूल गई तो वहां ससुर के भाई और अनिल धाकड़ नाम का व्यक्ति आया। बोला कि मैं देखता हूं कैसे सर्विस करती हो। ससुर हमारे पीछे गुंडे और हॉस्टल के लड़के लगाते हैं। कहीं भी जाती हूं वे रहने नहीं देते। पद्मिनी ने बताया कि पति की मौत हत्या है या सुसाइड, मैं नहीं जानती। मैं तो सुसाइड को भी हत्या ही मानती हूं। पति दो बार चुनाव हार गए थे। वे डिप्रेशन में थे।
हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप
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