पूर्वी राजस्थान में भी धीमा पड़ने लगा बारिश का दौर, मानसून की वापसी के मिलने लगे संकेत

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पूर्वी राजस्थान में भी धीमा पड़ने लगा बारिश का दौर, मानसून की वापसी के मिलने लगे संकेत


जयपुर, 29 सितंबर (हि.स.)। पूर्वी राजस्थान में भी बारिश का दौर अब धीमा पड़ने लगा है। इससे पूर्वी राजस्थान से भी मानसून वापसी के संकेत मिलने लगे है। रविवार को आधा दर्जन शहरों में बारिश हुई। सबसे ज्यादा बारिश झालावाड़ के खानपुर में 33 मिमी दर्ज की गई। जलसंसाधन विभाग के अनुसार झालावाड़ के पंचपहर में 27 और बारां के अटरू में 27 मिमी दर्ज की गई। रविवार को झालावाड़, बारां, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर सहित कुछ अन्य स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। इधर मध्य प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण राजस्थान के सबसे बड़े डैम राणा प्रताप सागर में पानी की आवक बढ़ गई। रविवार को इस मानसून सीजन में पहली बार बांध का 2 गेट खोले गए हैं। इससे पहले सायरन बजाकर लोगों को अलर्ट किया गया। अधिकारियों ने चंबल माता की भी पूजा-अर्चना की। मध्यप्रदेश में हो रही भारी बारिश से चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर के गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। उसके चलते राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी है। कोटा बैराज के आठ गेट खोलकर 78 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे चम्बल नदी की रियासतकालीन पुलिया पानी में डूब गई है। पुलिस ने आवागमन बंद कर दिया है। उधर चम्बल नदी में जल स्तर बढ़ने पर धौलपुर तक प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।

मौसम विभाग के अनुसार 30 सितंबर से राज्य के अधिकांश भागों में बारिश की गतिविधियों में कमी होने तथा केवल उदयपुर संभाग में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान में कहीं कहीं तथा पूर्वी राजस्थान में कुछ स्थानों पर मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान से मानसून की विदाई का दौर अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में शुरू हो जाएगा। रविवार को प्रदेश में फलौदी शहर सबसे गर्म रहा। यहां का अधिकतम तापमान 38.6 और न्यूनतम तापमान 28.6 डिग्री दर्ज किया गया। जयपुर में दिनभर छितराए बादल छाए रहे और बादलों के बीच से तेज धूप खिली। हालांकि हवाओं के चलते लोगों को धूप की चुभन का अहसास नहीं हुआ। जयपुर का अधिकतम तापमान 33.1 और न्यूनतम तापमान 23.8 डिग्री दर्ज किया गया।

8 गेट खोलकर 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा

जलसंसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज अग्रवाल ने बताया कि गांधीसागर बांध के तीन स्लूज (छोटे) गेट शनिवार दोपहर को खोल देने से लगातार 62 हजार 296 क्यूसेक पानी की आवक के बाद रविवार सुबह राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1157.40 फीट पहुंचने पर गेट खोलने का निर्णय हुआ। पहला गेट 9 नंबर खोला गया और 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। दूसरा गेट 10 नंबर खोला गया। जिससे 33 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। बांध का जलस्तर 1157.40 फीट स्थिर रखा जाएगा। उसके बाद जवाहर सागर का जलस्तर 975.30 फीट मापा गया। यहां 79620 क्यूसेक पानी की आवक होने पर 4 गेट खोलकर 68697 और विद्युत उत्पादन कर 10823 क्यूसेक पानी की निकासी जारी थी। कोटा बैराज का जलस्तर 853.40 फीट दर्ज किया गया। यहां 8 गेट खोलकर 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

सितंबर में लगातार छह साल तक खोले गए गेट

राणा प्रताप सागर बांध के सितंबर 19 में चंबल बाढ़ विभीषिका की वजह से सभी 17 गेट खोले गए थे। साल 19 के बाद हर वर्ष सितंबर में गेट खुल रहे है। 2013 से पहले 10-10 साल के अंतराल में गेट खुले थे। 2016 के बाद 2019 में गेट खोले गए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

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