ट्रेन में मान्य नहीं होगा ऑनलाइन वेटिंग टिकट
जैसलमेर, 12 अक्टूबर (हि.स.)। रेलवे ने दोहराया है कि ऑनलाइन वेटिंग टिकट धारक यात्रियों को ट्रेन की किसी भी श्रेणी में यात्रा करने की अनुमति नही है। ऑनलाइन वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन में पकड़े जाने पर बिना टिकट माना जाएगा।
उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा ने बताया कि हालांकि यात्री अपनी सुविधा के लिए आईआरसीटीसी के माध्यम से ज्यादातर ऑनलाइन (ई-टिकट) आरक्षण करवाते हैं, मगर ऐसे यात्रियों को इस बात की जानकारी रखनी होगी कि ई-टिकट वेटिंग में रह जाने पर उनको ट्रेन में यात्रा का अधिकार नही है। उन्होंने बताया कि वेटिंग लिस्ट वाले ई-टिकट के धन वापसी की प्रक्रिया चार्ट तैयार होने के बाद प्रारंभ हो जाती है तथा इसका रिफंड उस आईडी में तीन से चार दिनों में हो जाता है जिससे यात्री ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया था।
उन्होंने बताया कि वेटिंग लिस्ट वाले ई - टिकट पर यात्री को ट्रेन की किसी भी श्रेणी में यात्रा करने की अनुमति नही है और इसके बावजूद यात्री इस टिकट पर ट्रेन में यात्रा करते पाया जाता है तो टीटीई उसे बिना टिकट यात्री मानकर निर्धारित किराया व जुर्माना राशि लेकर चार्ज कर सकता है। खेड़ा ने जानकारी दी कि कई बार ज्यादा भीड़भाड़ या त्योहारी सीजन होने के कारण लोग इस उम्मीद में भी ई-टिकट खरीद लेते है कि वह कंफर्म हो जाएगा अथवा सीट उपलब्ध होने पर टीटीई उस टिकट पर सीट दे देगा लेकिन ऑनलाइन वेटिंग टिकट स्वतः ही रद्द हो जाता है और अगर टिकट आरएसी में आ जाता है तो उस स्थिति में यात्री रेल यात्रा कर सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि वेटिंग लिस्ट वाला ऑनलाइन टिकट आंशिक कंफर्म होने पर ट्रेन में यात्रा के लिए मान्य है। उदाहरण के बतौर तीन यात्रियों के ऑनलाइन टिकट में से एक अथवा दो यात्रियों की सीट कंफर्म हो जाती है तो उस टिकट पर अंकित सभी यात्री यात्रा के पात्र होंगे, लेकिन शेष यात्रियों को बर्थ का आवंटन उपलब्धता व नियमानुसार ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आंशिक कंफर्म टिकट में शेष प्रतीक्षारत यात्रियों को बिना रद्दीकरण का आवेदन किए किसी भी तरह के स्वतः रिफंड का प्रावधान नही है।
वेटिंग लिस्ट वाले ऑनलाइन टिकट धारक यात्रियों को उस टिकट पर ट्रेन की किसी भी क्लास में यात्रा की अनुमति नहीं है। आम तौर पर एसी अथवा स्लीपर कोच के ऑनलाइन वेटिंग टिकट धारक यात्री जुर्माने से बचने के लिए जनरल कोच में सवार हो जाते है लेकिन ऐसे टिकट वहां भी मान्य नही हैं और आकस्मिक टिकट जांच के दौरान पकड़े जाने पर उन्हें किराया और जुर्माना दोनों देना होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/चंद्रशेखर/संदीप

