सैनिक सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण के भी प्रतीक- राज्यपाल

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सैनिक सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण के भी प्रतीक- राज्यपाल


सैनिक सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण के भी प्रतीक- राज्यपाल


सैनिक सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण के भी प्रतीक- राज्यपाल


सैनिक सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं राष्ट्र के प्रति त्याग और समर्पण के भी प्रतीक- राज्यपाल


जयपुर, 14 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि सैनिक हमारे देश की सीमाओं के सजग प्रहरी ही नहीं हैं, वे त्याग और समर्पण के भी प्रतीक हैं। उन्होंने राष्ट्र के लिए सर्वस्व अर्पित करने वाले पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के लिए सभी को हर संभव सहयोग करते उनकी सेवाओं का सम्मान करने का आह्वान किया है।

मिश्र रविवार को आठवें सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस पर सेना के सप्तशक्ती प्रेक्षागृह में आयोजित समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल के۔ एम۔ करियप्पा की सेवाओं को भी इस अवसर पर विशेष रूप से स्मरण किया।

उन्होंने कहा कि करियप्पा ने राष्ट्र की सेवा में जो निस्वार्थ सेवाएं दी हैं, वह सदा स्मरणीय रहेगी। उनकी सेवानिवृति दिवस को इसीलिए सशस्त्र सेना भूतपूर्व सैनिक दिवस के रूप में मनाने की पहल की गयी है।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि सैनिक केवल अपने परिवार के बारे में नहीं सोचता बल्कि देश और समाज को सुरक्षित रखने की सदा चिंता करता है। उन्होंने कवि माखनलाल चतुर्वेदी की पुष्प की अभिलाषा कविता की पंक्तियों सुनाते हुए कहा कि जिस तरह पुष्प की अभिलाषा वीर सैनिकों के पथ पर अपने को फेंके जाने की है, वैसे ही सैनिकों की कामना भी यही रहती है कि वे राष्ट्र के लिए अपने आपको अर्पित करें। उन्होंने सैनिक कल्याण के लिए क्रियान्वित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन, पूर्व सैनिक पेंशन और अन्य सुविधाओं को समयबद्ध और सुगम ढंग से उन तक पहुंचाए जाने और उनके कल्याण के लिए सुनियोजित तंत्र के तहत कार्य करने का भी आह्वान किया।

इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने सेना से जुड़े अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि सैनिकों को प्रोत्साहित करते हुए उनके लिए सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग के जरिए व्यावहारिक स्तर पर कार्य करते हुए सैन्य सेवाओं की समृद्धि के लिए कार्य करने का विश्वास दिलाया। राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने सेना और सैनिकों के पराक्रम को स्मरण करते हुए कहा कि सैनिक साहस और वीरता के पर्याय होते हैं, उनसे सीख लेते हुए राष्ट्र के लिए सभी को कृतसंकल्प होकर कार्य करना चाहिए।

सैनिक कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया। दक्षिण पश्चिमी कमांड के ले. जनरल धीरज सेठ ने पूर्व सैनिकों के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत कराया।

इस अवसर पर राज्यपाल और सैनिक कल्याण मंत्री तथा राज्य मंत्री द्वारा वीरांगनाओं, वीर माता पिता एवं वीरता तथा विशिष्ट पदक धारकों को सम्मानित किया गया। इससे पहले राज्यपाल ने सभी को संविधान की उद्देशिका का वाचन कराया तथा मूल कर्तव्यों को पढ़कर सुनाया।

सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह को भी राज्यपाल मिश्र ने किया सम्मानित

राज्यपाल मिश्र ने सैनिक कल्याण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को भी पूर्व सैनिक के नाते उनकी राष्ट्र को दी सेवाओं के लिए समारोह में सम्मानित किया।

पुष्प चक्र अर्पित कर सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

राज्यपाल ने सप्त शक्ति सेना क्षेत्र में पूर्व सैनिकों की स्मृति में पुष्प चक्र अर्पित उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में सैनिकों की शहादत को नमन करते हुए राष्ट्र के प्रति उनके सेवा समर्पण भाव के प्रति अपनी शब्द कृतज्ञता प्रकट की।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

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