ओबीसी आयोग सदस्यों ने किया संवाद, आरक्षण के वर्गीकरण की मांग

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ओबीसी आयोग सदस्यों ने किया संवाद, आरक्षण के वर्गीकरण की मांग


दौसा, 22 दिसंबर (हि.स.)। प्रदेश में होने वाले पंचायती राज और नगरीय निकाय चुनावों से पहले राज्य ओबीसी आयोग ने राजनैतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए तैयारियां तेज कर दी है। इसके लिए सोमवार को आयोग के राजनैतिक सदस्य प्रो. राजीव सक्सेना एवं गोपाल कृष्ण शर्मा ने जिला परिषद सभागार में संवाद एवं चर्चा की। जिसमें जनप्रतिनिधियों समेत विभिन्न समाजों के लोगों ने उपवर्गीकरण की मांग प्रमुखता से रखते हुए प्रतिनिधित्व देने की मांग की। आयोग के सदस्य गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि जिले के प्रतिनिधियों ने जनसंख्या आधारित वर्गीकरण और उप वर्गीकरण के सुझाव दिए हैं। सांसद-विधायक और जिला प्रमुख ने कहा है कि जनगणना के आधार पर वर्गीकरण होकर ओबीसी को लाभ मिलना चाहिए। सदस्य प्रो. राजीव सक्सेना ने कहा कि सुझावों में सामने आया कि ओबीसी में शामिल छोटी जातियों को कभी प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता। इसके लिए ऐसी रिपोर्ट दी जाए कि प्रत्येक जाति को उनका हक मिले। इसके लिए आयोग द्वारा सरकार को सुझाव दिए जाएंगे, जिसे लागू करना राज्य सरकार का विषय है। 15 जनवरी तक सरकार के समक्ष रिपोर्ट पेश की जाएगी।

सांसद मुरारीलाल मीणा ने कहा कि देश में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, लेकिन एसटी-एससी और ओबीसी के सिर्फ 3 सचिव हैं। जितने भी शीर्ष पद हैं, उनमें आरक्षित वर्ग के लोग नहीं हैं। इसमें सुधार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई वर्गों के लोगों को राजनैतिक या फिर नौकरियों में प्रतिनिधित्व नहीं है। ऐसे में प्रत्येक जाति-वर्ग को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। जातिगत जनगणना होनी चाहिए, उससे ही सही आंकड़ें सामने आएंगे। जिसके बाद ही संविधान की मूल भावना के अनुसार सबको समानता का सामाजिक और आर्थिक अधिकार मिल सकेगा।

बांदीकुई विधायक भागचंद टांकड़ा ने कहा कि कहां-किसको और कितनी भागीदारी मिलनी चाहिए, इस मुद्दे पर बात हुई है। सभी लोगों ने सुझाव दिए और निष्कर्ष यही निकला कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसको उतनी भागीदारी मिले। जिस जाति की जितनी तादात है उसके अनुसार भागीदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट में ओबीसी की जनसंख्या 52 प्रतिशत मानी गई है। इसके अनुसार राज्य में 21 और केन्द्र में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया हुआ है। राजनीति में भी इतना ही आरक्षण होना चाहिए। जिससे पिछडा वर्ग के लोगों को आगे आने का अवसर मिले।

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हिन्दुस्थान समाचार / चरणजीत

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