राज विस चुनाव: अजमेर में बगावत के स्वर मुखर होने के बीच नामांकन शुरू
अजमेर, 30 अक्टूबर(हि.स)। अजमेर क्षेत्र में विधानसभा की आठ सीटों पर जहां कांग्रेस ने अभी सिर्फ तीन सीटों पुष्कर, मसूदा और केकड़ी पर उम्मीदवार तय किए है वहीं भाजपा को मसूदा सीट से उम्मीदवार तय करना शेष है। इस बीच 30 अक्टूबर नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले अनेक दावेदारों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर नामांकन खरीदने शुरू कर दिए हैं। 6 नवंबर तक नामांकन किए जा सकते हैं। सोमवार को जिस तरह की गहमा गहमी रही सियासत में विरोधी दावेदार ज्यादा मुखर लगे।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में अभी तक सिर्फ तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, जबकि भाजपा ने सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। कांग्रेस ने पुष्कर, मसूदा और केकड़ी से उम्मीदवार घोषित किए हैं, इनमे से केकड़ी को छोड़ कर दोनों ही स्थानों पर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पुष्कर से कांग्रेस के प्रत्याशी नसीम अख्तर को अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक डॉ. श्रीगोपाल बाहेती के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बाहेती ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। इसी प्रकार अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी भी नसीम अख्तर की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं, चौधरी को उम्मीद है कि पुष्कर में बदलाव होगा। चौधरी ने भी पुष्कर से अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत की है। डॉ. बाहेती ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने जिताऊ उम्मीदवार के मापदंड निर्धारित किए थे, उन सभी पर वे खरे उतरते हैं। लेकिन ऐन मौके पर उनकी दावेदारी को रोक कर नसीम अख्तर को उम्मीदवार बनाया गया है, इससे कांग्रेस के आम कार्यकर्ता में नाराजगी है। वहीं घोषित उम्मीदवार नसीम अख्तर का कहना है कि हाईकमान ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है और वे पिछले 15 वर्ष से पुष्कर में सक्रिय हैं। मसूदा के मौजूदा कांग्रेस विधायक राकेश पारीक को ही उम्मीदवार बनाया गया है, लेकिन पारीक को दोबारा से उम्मीदवार बनाए जाने का पूर्व विधायक ब्रह्मदेव कुमावत ने विरोध किया है। कुमावत अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। कुमावत की उम्मीदवारी पर राकेश पारीक का कहना है कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार है। मसूदा की जनता जानती है कि उन्होंने पिछले पांच वर्ष में कितने विकास कार्य करवाए हैं। विकास कार्यों के दम पर ही वे इस बार भी चुनाव जीतेंगे। पारीक ने कहा कि 4 नवंबर को अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करेंगे। केकड़ी से मौजूदा विधायक रघु शर्मा को कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया है, लेकिन केकड़ी में रघु का कोई विरोध नहीं है। कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट होकर रघु शर्मा को जीतने में लगे हुए हैं।
शहरी क्षेत्र किशनगढ़ में वार्डों एवं बूथों में हुई कार्यकर्ता बैठकें
भारतीय जनता पार्टी द्वारा किशनगढ़ विधानसभा से सांसद भागीरथ चौधरी को विधायक प्रत्याशी बनाने के बाद वहां विरोध के स्वर मुखर हुए। पूर्व प्रत्याशी विकास चौधरी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। वह अभी कांग्रेस से उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं किन्तु कांग्रेस में कार्यकर्ताओं ने ही उनका जबरदस्त विरोध शुरू कर दिया है। वर्षो से कांग्रेस में रह कर सेवा कर रहे राजु गुप्ता व अन्य कार्यकर्ता भाजपा से पाला बदल कर कांग्रेस में आए विकास चौधरी को टिकट देने के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। ऐसे में जबतक कांग्रेस का प्रत्याशी तय हो भाजपा प्रत्याशी ने लीड लेते हुए कल शाम वार्ड के पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं की बैठक लेने शुरू कर दी है। जिसमें वरिष्ठ नेता गिरधारी अरड़का ने सभी से कांग्रेस के कुशासन को उखाड़ फेंककर भाजपा को विजय बनाने का आव्हान किया।
भाजपा में विरोध के स्वर नहीं हुए कम
भाजपा में विरोध के स्वर सबसे ज्यादा है। अजमेर उत्तर में वासुदेव देवनानी को लगातार पांचवीं उम्मीदवार बनाया गया है, देवनानी की उम्मीदवारी के विरोध में भाजपा के पार्षद ज्ञान सारस्वत ने खुली बगावत कर दी है। सारस्वत ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। देवनानी के मुकाबले में भाजपा के जो नेता टिकट मांग रहे थे, उनमें से अधिकांश नेता ज्ञान सारस्वत के साथ बताए जाते हैं। भाजपा के कई नेता इस बार देवनानी को सबक सिखाना चाहते हैं, इसलिए ज्ञान सारस्वत को आगे किया गया है। सारस्वत ने स्पष्ट कहा है कि वे देवनानी को हराने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे बल्कि स्वयं जीतने के लिए मैदान में है। उनका उद्देश्य उत्तर क्षेत्र में विकास करवाना है। पिछले बीस वर्षों में इस क्षेत्र की पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। उनकी पहली प्राथमिकता पेयजल समस्या के समाधान की होगी।
ब्यावर में भाजपा ने लगातार चौथी बार शंकर सिंह रावत को उम्मीदवार घोषित किया है, इस बार रावत को अपने ही समुदाय में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। महेंद्र सिंह रावत ने शंकर सिंह रावत की उम्मीदवारी का विरोध जताया है। महेंद्र सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
पुष्कर में भाजपा प्रत्याशी सुरेश सिंह रावत को भी अपने ही समुदाय के अशोक सिंह रावत का विरोध झेलना पड़ रहा है। अशोक सिंह ने आरएलपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है और उन्हें उम्मीद है कि आरएलपी अपना उम्मीदवार बनाएगी। अशोक सिंह के साथ भाजपा के कई नेता है, जो पर्दे के पीछे से सहयोग कर रहे हैं।
केकड़ी में भाजपा ने पूर्व विधायक शत्रुघ्न गौतम को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा का कोई नेता खुले रूप से गौतम के खिलाफ नहीं है, लेकिन जिन भाजपा नेताओं ने टिकट के लिए अपनी दावेदारी जताई थी, वे अभी तक भी गौतम के साथ नहीं लगे हैं। ऐसे में गौतम को अपनी ही पार्टी में उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। किशनगढ़ में विरोध का डबल अटेक है।
दक्षिण में भाटी को है उम्मीद
अजमेर दक्षिण से बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी की कांग्रेस में उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद है। हालांकि पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन यह चर्चा आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ की वजह से थी। अब जब अजमेर उत्तर से राठौड़ का टिकट ही खतरे में है, तब जयपाल की पैरवी करने वाला कोई नहीं है। हेमंत भाटी सचिन पायलट के समर्थक हैं। पुष्कर में पायलट समर्थक नसीम अख्तर को ही उम्मीदवार बनाया गया है, इसलिए दक्षिण में भी हेमंत भाटी की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। भाटी के मुकाबले में इस क्षेत्र में कांग्रेस का कोई दूसरा दमदार उम्मीदवार नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/संदीप
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