घुमंतू समाज हमारी सांस्कृतिक विरासत का रक्षक: दुर्गादास

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घुमंतू समाज हमारी सांस्कृतिक विरासत का रक्षक: दुर्गादास


जोधपुर, 20 अगस्त (हि.स.)। घुमंतू समाज हमारी सांस्कृतिक विरासत का रक्षक रहा है। जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रीयता से ओतप्रोत इस समाज को षडयंत्रपूर्वक अंग्रेजों ने अपराधी घोषित कर दिया। आज फिर से इस समाज को मुख्य धारा में लाकर देश से जोडऩे की आवश्यकता है। यह विचार अखिल भारतीय घुमंतू जाति कार्य प्रमुख दुर्गादास ने रामेश्वर नगर बासनी स्थित वीर दुर्गादास घुमंतू जाति गुरुकुलम छात्रावास के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए।

महानगर घुमंतू कार्य संयोजक लूणाराम सैन ने बताया कि दुश्मनों के आक्रमण में अपने राज्य को छोडऩे की मजबूरी और वापस मातृभूमि की लालसा में अपने शासक के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने के साथ राज्य नहीं मिलने तक घुमंतू रहने वाली देशभक्त और स्वाभिमानी गाडूलिया लोहार व राजनट जाति के 12 बच्चों को जोधपुर में पहली बार शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए एक अनूठी पहल की गई है। इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से घुमंतू उत्थान न्यास जोधपुर विभाग द्वारा रामेश्वर नगर बासनी प्रथम चरण में वीर दुर्गादास घुमंतू जाति गुरुकुलम छात्रावास की समारोह पूर्वक की शुरुआत की गई। आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय सरस्वती नगर में।घुमंतू जातियों के बालको को शिक्षा एवं संस्कारों का सृजन करने के लिए छात्रावास का शुभारंभ अखिल भारतीय घुमंतू जाती कार्य प्रमुख दुर्गादास जी के सानिध्य।में किया गया। घुमंतू जाति विभाग कार्य संयोजक बुद्धाराम ने कार्यक्रम में वीर दुर्गादास गुरुकुलम छात्रावास प्रारंभ करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर क्षेत्र के घुमंतू कार्य संयोजक महावीर ने कहा कि घुमंतू जातियांं जो राष्ट्र रक्षणार्थ निकली तथा महाराणा प्रताप की प्रतिभा को पूर्ण होने तक संकल्प के साथ निकली थी वे अभावों में जी रहे है तथा उनका कोई स्थायी निवास भी नहीं है। इन्हें शिक्षा व संस्कार देकर विकसित किया गया तो राष्ट्र के विकास में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होगी। इस दौरान समर्थ व सक्षम लोगों से एक एक बालक गोद लेकर इनके विकास में सहयोग करने का आह्वान किया।

निशुल्क रहेगी व्यवस्था

जोधपुर विभाग के सह कार्यवाह रामचंद्र चिल्का ने बताया कि घुमंतू जाति की श्रेणी के अभी 12 बच्चों को यहां प्रवेश दिया गया है। इनके लिए शिक्षा के साथ साथ भोजन, आवास की सभी व्यवस्थाएं निशुल्क रहेंगी। आदर्श विद्या मंदिर सरस्वती नगर के आचार्य भंवर सिंह, महानगर सह कार्यवाह संजय अग्रवाल व कार्यकर्ताओं ने घुमंतू जाति के नव प्रवेशित छात्रों का तिलक लगा कर कर स्वागत किया। यह छात्रावास जोधपुर विभाग के लिए स्थापित किया गया है। घुमंतू वर्ग की सभी जातियों के कक्षा 3 से 8 तक के बच्चों को अभी इसमें प्रवेश दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश / ईश्वर

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