आवासीय श्रेणी में शामिल कर कोटा के निजी स्कूलों को यूडी टैक्स से छूट
कोटा, 14 मार्च (हि.स.)। कोटा शहर में 2700 वर्ग फीट तक भूखंड वाले निजी शिक्षण संस्थानों पर नगरीय विकास कर लागू नहीं होगा। यह आश्वासन नगर निगम के दोनो महापौर ने गुरुवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधीमंडल को दिया।
एसोसिएशन ने यू.डी.टैक्स के विरोध में महापौर राजीव अग्रवाल नगर निगम कोटा दक्षिण एवं महापौर मंजू मेहरा नगर निगम कोटा उत्तर को ज्ञापन दिया। संभागीय अध्यक्ष महेश गुप्ता ने बताया कि 20 मार्च,2016 को नगर निगम कोटा एवं शैक्षणिक संस्थाओं की बैठक में महापौर ने जानकारी दी थी कि शिक्षण संस्थाओं के संदर्भ में राज्य सरकार से दिशानिर्देश प्राप्त हो चुके है उन्हे आवासीय श्रेणी मे माना गया है। ऐसे मे 2700 वर्ग फीट तक भूखंड वाले निजी शिक्षण संस्थानों पर नगरीय विकास कर लागू नहीं होगा।
इस मुद्दे पर दोनो महापौर ने चर्चा कर कोटा शहर में 2700 वर्ग फीट भूमि के निजी विद्यालय भवन को यू.डी.टैक्स लागू नहीं करने का विश्वास दिलाया। साथ ही किसी भी विद्यालय को यू.डी.टैक्स का नोटिस नहीं भेजने का निर्णय किया। विद्यार्थियों के हित में महापौर द्वारा राज्य सरकार को 2700 वर्ग फीट से ज्यादा वाले विद्यालय भवन को यू.डी.टैक्स से मुक्त रखने के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्णय किया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थान लाभकर संस्थान नही है। जो कि नो प्रॉफिट नो लॉस पर काम करते है। निजी शिक्षण संस्थान लाभ के लिए काम नहीं करते हैं। वे केवल राज्य सरकार के मापदण्ड अनुसार शैक्षणिक कार्य करते हैं। अतः निजी शिक्षण संस्थाओं को यू.डी.टैक्स से पूर्णतया छूट मिलनी चाहिए। ज्ञापन देने वालों मे कपित विजय, संजय विजय, अशफाक मलिक, धर्मेन्द्र दीक्षित, पंकज वात्स्य, जमना शंकर, सत्यनारायण, ओम प्रकाश एवं अन्य 150 निजी स्कूल संचालक शामिल थे।
हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/ईश्वर
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