बाबा साहब ने जो आरक्षण दिया है उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं हटा सकती : अर्जुन मेघवाल

बाबा साहब ने जो आरक्षण दिया है उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं हटा सकती : अर्जुन मेघवाल
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बाबा साहब ने जो आरक्षण दिया है उसे दुनिया की कोई ताकत नहीं हटा सकती : अर्जुन मेघवाल


बीकानेर, 14 अप्रैल (हि.स.)। केंद्र की पिछली सरकारों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की विरासत को जनता के मानस पटल से मिटाने की कोशिश की। उनके जीवित रहते उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया गया।

ये बातें केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने रविवार को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर भावना मेघवाल मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से रेलवे ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। इससे पहले अर्जुनराम ने अंबेडकर सर्किल स्थित बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि लोग आरक्षण के मुद्दे पर भ्रम पैदा करने का काम कर रहे हैं, लेकिन बाबा साहब ने जो आरक्षण दिया है वो उसी तरह रहेगा। इसे दुनिया की कोई ताकत नहीं हटा सकती है। ये भ्रम फैलाने वाले कांग्रेस के लोग किसी के सगे नहीं हो सकते हैं। ये बाबा साहब के भी सगे नहीं थे। मेघवाल ने कहा कि बाबा साहब को भारत माता का महान सपूत, प्रकांड विद्वान, संविधान के शिल्पकार थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने देश को रास्ता दिखाने का काम किया। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय योजना को बढ़ाने का काम किया। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को संविधान दिया। पहले के शासनकाल में बाबा साहब की वस्तुओं की सुरक्षा की चिंता नहीं थी। यह मोदी सरकार का संवेदनशील दृष्टिकोण है जिसने अंबेडकर की विरासत को ध्यान में रखा है और प्राथमिकता दी है। संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में, राष्ट्रीय सांस्कृतिक संपत्ति संरक्षण अनुसंधान, लखनऊ ने बाबासाहेब की वस्तुओं को भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित किया है। संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए गए टाइपराइटर सहित कुल 1,358 वस्तुओं को संरक्षित किया गया है। यह केंद्र राष्ट्र के निर्माण में उनके योगदान की झलक दिखाते हुए एक पवित्र स्थान के रूप में उभरेगा।

मेघवाल ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से, मोदी सरकार के कार्य अम्बेडकर को समग्रता में स्वीकार करने का संकेत देते हैं। योजना से लेकर कार्यान्वयन स्तर तक,शासन प्रणाली को अम्बेडकर के दृष्टिकोण का पालन करने के लिए तैयार किया गया है। यह सरकार की प्रतिबद्धता है जिसके परिणामस्वरूप पंच तीर्थ, डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का समर्पित विकास हुआ है और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए गरीब समर्थक और जन-केंद्रित नीति उपायों का कार्यान्वयन हुआ है।

बीएसएफ के पूर्व डीआइजी पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि बी आर अम्बेडकर एक व्यक्ति से कहीं अधिक थे-वे न्याय की भावना के प्रतीक थे। उनके विचार और कार्य वर्तमान को आलोकित करते हैं और भविष्य के लिए मार्गदर्शक हैं। उनके आदर्शों का आज अनुसरण करने की जरूरत है।

मेयर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि यदि पहले की सरकारों ने अम्बेडकर को इस तरह से स्वीकार किया होता तो भारत को लाभ होता-परिणामस्वरूप लोक कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अधिक होती।

हिन्दुस्थान समाचार/राजीव/ईश्वर

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