जल संकट से बचाव और पर्यावरण संरक्षण की आदिवासी परम्पराओं से सीख लें: राज्यपाल

जल संकट से बचाव और पर्यावरण संरक्षण की आदिवासी परम्पराओं से सीख लें: राज्यपाल
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जल संकट से बचाव और पर्यावरण संरक्षण की आदिवासी परम्पराओं से सीख लें: राज्यपाल


जयपुर, 1 जुलाई (हि.स.)। राज्यपाल कलराज मिश्र ने गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के नौंवें स्थापना दिवस की बधाई देते हुए अपेक्षा जताई है कि यह विश्वविद्यालय जनजातीय क्षेत्र में ज्ञान प्रसार का देश का ही नहीं विश्व का उत्कृष्ट संस्थान बनें। उन्होंने जल संरक्षण के लिए आदिवासी परम्पराओं के अंतर्गत होने वाले कार्यों के आलोक में वर्षा जल सहेजने और उन परंपराओं का अन्वेषण किए जाने पर भी जोर दिया, जिससे आदिवासी अकाल और जल संकट से बचाव के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते थे।

मिश्र ने सोमवार को गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के नौवें स्थापना दिवस पर राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाली अखिल भारतीय वाणिज्य विषयक सेमिनार के ब्रोशर का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने वहीं निर्मित सभागार, गुलाब वाटिका और जलपान गृह का भी ऑनलाइन लोकार्पण किया।

राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय नौंवी वर्षगांठ पर जनजातीय क्षेत्र में विद्यार्थियों की रोजगार आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आधुनिक शैक्षिक विधियों को अपनाएं तथा जनजातीय क्षेत्र की विषमताओं, विसंगतियों को दूर करते हुए उन्हें सशक्त और स्वावलंबी बनाने की दिशा में भी कार्य करें। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा जनजातीय संस्कृति, समाज और पारिस्थितिकी संतुलन के संदर्भ में विशेष शोध परियोजनाओं पर काम करने का भी आह्वान किया।

मिश्र ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा के माध्यम से आर्थिक विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक समरसता के लिए विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करें। उन्होंने जनजातीय समाज की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नए और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने के साथ ही जनजातीय संस्कृति, कला, संगीत, और परंपराओं के अध्ययन और संरक्षण के लिए समर्पित केंद्र की स्थापना करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय शिक्षा का देश का ऐसा प्रमुख केंद्र बनें, जहाँ ज्ञान और संस्कार का समन्वय हो और जनजातीय क्षेत्र के उत्थान के साथ उन्हें मुख्य धारा में लाने का संवाहक बनें।

इससे पहले विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशव सिंह ठाकुर ने विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे शैक्षिक प्रयास और नवाचारों के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/दधिबल

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