जंगलों में नवजात को लावारिस छोड़ गई कुमाता
भरतपुर, 8 सितंबर (हि.स.)। जिले के चिकसाना थाना इलाके में अपना घर आश्रम मोक्षधाम के पास एक लावारिस नवजात बच्ची मिली, जिसकी जान वहां से गुजर रहे एक युवक ने बचाई। उसने बच्ची के रोने की आवाज सुनी। आवाज सुनते ही वो उस तरफ बढ़ गया, जहां थोड़ी दूर जाने पर उसे कपड़े में लिपटी एक नवजात बच्ची दिखाई दी। युवक ने बच्ची को गोद में लिया और अपना घर आश्रम लेकर आया। जहां से उसने बाल कल्याण समिति और पुलिस को सूचना दी। साथ ही नवजात बच्ची को इलाज के लिए जनाना अस्पताल के शिशु वाडर् में भर्ती कराया गया है।
मामले की जानकारी देते हुए अपना घर के बसंत लाल गुप्ता ने बताया कि यह घटना शनिवार शाम की है। उस समय अपना घर की गौशाला में सेवा करने वाला युवक लोकेश कुमार अपना काम खत्म करके लौट रहा था। जब वह अपना घर आश्रम के पास स्थित मोक्ष धाम के पास से गुजर रहा था, तो उसे अचानक एक नवजात बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। हालांकि एक पल के लिए वह डर गया, लेकिन हिम्मत जुटाकर वह उस जगह गया, जहां से आवाज आ रही थी। वहां उसने जो देखा, उसे देखकर वह दंग रह गया। उसे एक नवजात बच्ची कपड़े में लिपटी हुई जमीन पर पड़ी मिली। उसने बच्ची को उठाया और अपना घर आश्रम ले गए। अपना घर आश्रम ने चिकसाना थाना प्रभारी और बाल कल्याण समिति पदाधिकारी को सूचना दी। नवजात बच्ची को उपचार के लिए जनाना अस्पताल के शिशु रोग वार्ड में भर्ती कराया गया है। जनाना अस्पताल के शिशु रोग विभाग के एचओडी डॉ. हिमांशु गोयल ने बताया कि नवजात बच्ची का वजन 3.4 किलोग्राम है। उसे निगरानी में रखा गया है और उसकी हालत स्थिर है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित
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