नई शिक्षा नीति और एमएमटीटीसी केंद्र उच्च शिक्षा को वैश्विक स्तर पर ले जाने का सशक्त माध्यम बन रहे हैं: मदन राठौड़
जयपुर, 11 दिसंबर (हि.स.)। राज्यसभा में राजस्थान के वरिष्ठ भाजपा सांसद मदन राठौड़ ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता, शिक्षक प्रशिक्षण और नए भारत के ज्ञान–विकास मॉडल से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण प्रश्न संसद में उठाए। उन्होंने विशेष रूप से यह जानना चाहा कि देशभर में स्थापित मल्टीमॉडल टीचर ट्रेनिंग सेंटर्स (एमएमटीटीसी) किस प्रकार शिक्षक क्षमता निर्माण को मजबूत करने में भूमिका निभा रहे हैं और सामाजिक–आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के लिए क्या विशेष प्रावधान किए गए हैं। उनके द्वारा उठाए गए प्रश्नों ने न केवल शिक्षा सुधारों पर राष्ट्रीय विमर्श को नई दिशा दी, बल्कि मोदी सरकार की शिक्षा–क्रांति को भी रेखांकित किया, जो ‘‘नए भारत’’ की नींव को और सुदृढ़ कर रही है।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुकान्त मजूमदार ने दिए गए जवाब में बताया गया कि पांच सितंबर 2023 को पुनः शुरू की गई एमएमटीटीपी योजना के तहत देशभर में 151 एमएमटीटीसी केंद्र स्थापित और मान्यता प्राप्त किए जा चुके हैं, जहाँ देश के किसी भी उच्च शिक्षा संकाय सदस्य को आधुनिक और बहुआयामी प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उस विज़न को मजबूत करता है, जिसमें शिक्षक–प्रशिक्षण को शिक्षा सुधारों की सबसे महत्वपूर्ण धुरी माना गया है।
डॉ. सुकान्त मजूमदार ने यह भी बताया कि इस योजना में भारतीय ज्ञान परंपरा, मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण, सामाजिक–आर्थिक रूप से वंचित समूहों की शैक्षिक उन्नति, उद्यमिता कौशल, डिज़ाइन–थिंकिंग, एसटीईएम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर सुरक्षा और नेतृत्व विकास जैसे कई प्रमुख घटक शामिल हैं। इन विविध और गहन प्रशिक्षण मॉड्यूलों के माध्यम से उच्च शिक्षा के संकाय को वैश्विक मानकों पर तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। यह विस्तार दर्शाता है कि मोदी सरकार केवल शिक्षकों को प्रशिक्षित नहीं कर रही, बल्कि उन्हें भविष्य का ज्ञान–नेता बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इस योजना के पुनः प्रारंभ होने के बाद अब तक 3.22 लाख से अधिक शिक्षक प्रशिक्षित हो चुके हैं, जो कि भारत की उच्च शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। सांसद मदन राठौड़ ने इस प्रगति को अत्यंत सराहनीय बताया और कहा कि ‘सशक्त शिक्षक ही सशक्त भारत का निर्माण करते हैं, और मोदी सरकार इस दिशा में अभूतपूर्व कार्य कर रही है।
सांसद मदन राठौड़ ने कहा की शिक्षा सुधार केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का प्रमुख आधार हैं। उन्होंने विशेष रूप से यह कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र में जो परिवर्तनकारी कदम उठाए जा रहे हैं, वे वास्तव में नए भारत की मजबूत नींव रख रहे हैं। राठौड़ ने इस बात की सराहना की कि मोदी सरकार शिक्षक–प्रशिक्षण, भारतीय ज्ञान–परंपरा, आधुनिक कौशल और मानसिक स्वास्थ जैसे बहुआयामी क्षेत्रों पर एक साथ काम कर रही है, जिससे उच्च शिक्षा संस्थान वैश्विक मानकों की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रहे हैं। उनके अनुसार, मोदी सरकार ने जिस पैमाने पर शिक्षा सुधारों को गति दी है, वह अभूतपूर्व है और आने वाली पीढ़ियों को एक उज्ज्वल भविष्य देने की दिशा में यह कदम अत्यंत प्रशंसनीय है। उनकी यह सकारात्मक प्रतिक्रिया स्पष्ट करती है कि वे मोदी सरकार की नीतियों को राष्ट्रहित में मजबूत, दूरदर्शी और परिवर्तनकारी मानते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

