पर्यटक सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं, मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास से भी जुड़े - कटारिया
उदयपुर, 22 जनवरी (हि.स.)। अयोध्या में बहुप्रतीक्षित श्री रामलला जन्मभूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की शुभवेला पर पर्यटन नगरी उदयपुर को भी एक और सौगात मिली। फतहसागर झील के किनारे स्थित जन-जन की आस्था के केंद्र नीमज माता मंदिर तक जिला प्रशासन और उदयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से स्थापित नीमज माता रोप-वे का शुभारंभ सोमवार को असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया के हाथों से हुआ। उक्त रोप-वे के संचालन से पर्यटकों के साथ-साथ बुजुर्गजन को भी मंदिर दर्शन में सुविधा मिलेगी। वहीं पर्यटक देव दर्शन के साथ ही उदयपुर के प्राकृतिक सौंदर्य और विश्व प्रसिद्ध फतहसागर व पिछोला झील के विहंगम दृश्य को भी निहार सकेंगे।
फतहसागर की पाल के देवाली छोर पर आयोजित लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए असम के राज्यपाल कटारिया ने कहा कि प्रकृति ने मेवाड़ को दो-दो हाथों से सौगातें दी है, तो हमारे पूर्वजों ने गौरवशाली इतिहास दिया है। हम सभी का दायित्व है कि उदयपुर आने वाला पर्यटक केवल यहां की झीलें और प्राकृतिक सौंदर्य तक सीमित नहीं रहे, वह महाराणा प्रताप के स्वाभिमान, पन्नाधाय के बलिदान, चेतक की स्वामीभक्ति के गौरवशाली इतिहास से भी जुड़े। नीमज माता मंदिर जन आस्था का केंद्र है। ऊंचाई पर होने से दर्शनार्थी और पर्यटक आसानी से नहीं पहुंच पाते थे, खास कर बुजुर्गों को बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ रही थी, लेकिन अब वे भी अपनी आराध्य देवी के दर्शन आसानी से कर पाएंगे।
उन्होंने आयड़ नदी के सौंदर्यीकरण, देवास परियोजना के तृतीय और चतुर्थ चरण के कार्यों को भी गंभीरता से आगे बढ़ाने की बात कही, ताकि आने वाले समय में उदयपुर में पानी की समस्या नहीं रहे।
प्रारंभ में रोप-वे संचालक फर्म दामोदर रोप वेज एंड इंफ्रा लिमिटेड के तकनीकी निदेशक श्रवण अग्रवाल, जीडी पोदार, संस्कृति सहित अन्य ने राज्यपाल कटारिया, उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल, महापौर गोविन्द टांक, उपमहापौर पारस सिंघवी, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष रवीन्द्र श्रीमाली, संभागीय मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह, मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) आरके जैन आदि का अभिनंदन किया। इस अवसर पर दामोदर रोप वे इंफ्रा लिमिटेड के अभिषेक चमरिया, यश झुनझुनवाला, यूडीए के बीएल कोठारी आदि उपस्थित रहे।
जिला कलेक्टर पोसवाल ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया कि कटारिया की पहल पर वर्ष 2016 में रोप-वे की कार्ययोजना बनी थी। वर्ष 2018 में यूआईटी और दामोदर रोपवेज एंड इंफ्रा लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ। अप्रैल 2022 में इसका कार्य प्रारंभ हुआ। तकरीबन 13.5 करोड़ की लागत से तैयार इस रोप-वे की क्षैतिज लंबाई 429.419 मीटर है।
नीमज माता मंदिर स्थल तक रोप-वे से सफर तीन मिनट में पूरा किया जायेगा। रोप-वे से मंदिर स्थल तक जाने एवं पुनः उतरते वक्त रोप-वे के मध्य में एक मिनट का ठहराव भी रखा गया है। रोप-वे का अपर टर्मिनल स्थल ऊंचाई पर होने से एक मिनट के ठहराव के दौरान शहरवासियों एवं पर्यटकों कोे उदयपुर शहर के नैसर्गिक सौन्दर्य के विहंगम दृश्य देख सकेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता कौशल/ईश्वर
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