आयुर्वेद विवि में नाड़ी परीक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला दो से : ब्रोशर का विमोचन, दो दिन चलेगी कार्यशाला
जोधपुर, 21 मार्च (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पीजीआईए के स्नातकोत्तर क्रिया शारीर विभाग द्वारा 2 एवं 3 अप्रैल को नाड़ी परीक्षण विषयक कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला के ब्रोशर का विमोचन आज कुलपति प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति द्वारा किया गया।
कुलपति प्रो. प्रजापति ने बताया कि आयुर्वेदीय शास्त्रीय ग्रंथों में त्रिदोषों के आंकलन में नाड़ी परीक्षण का महत्व हैं। नाड़ी परीक्षण चिकित्सक के कौशल पर अत्यधिक निर्भर हैं। आयुर्वेद के सन्दर्भ में नाड़ी ज्ञान का वैज्ञानिक रूप से विश्लेषण करने के लिए युगानुरूप में अनुसन्धान की आवश्यकता हैं। यह कार्यशाला आयुर्वेद विशेषज्ञ एवं स्नातकोत्तर अध्येताओं के लिए उपयोगी साबित होगी। कार्यशाला के आयोजन सचिव एवं मीडिया प्रभारी डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि महानगर आयुर्वेद सेवा संघ नासिक के सहयोग से इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा हैं। इसमें आयुर्वेद एवं नाड़ी विशेषज्ञ केजीएमपी आयुर्वेद महाविद्यालय मुंबई के पूर्व प्रोफेसर डॉ. विनायक विट्टल तावड़े एवं डॉ. खुशबू पाम्परा शास्त्रीय संदर्भो के अनुरूप अतिथि व्याख्यान एवं प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देंगे। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. गोविन्द सहाय शुक्ल, प्राचार्य, प्रो. चन्दन सिंह, प्रो. गोविन्द प्रसाद गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजाराम अग्रवाल, डॉ. ब्रह्मानंद शर्मा, उपकुलसचिव डॉ. मनोज अदलखा, डॉ. अरुण दाधीच, कार्यशाला के कोर्डिनेटर डॉ. पूजा पारीक, डॉ. हेमंत एवं सदस्य डॉ. अनीश, डॉ. रमेश, डॉ. वर्षा, एवं क्रिया शारीर विभाग के स्नातकोत्तर अध्येता उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/ईश्वर
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