अंगना पधारे 'राम', झूम उठा गांव

अंगना पधारे 'राम', झूम उठा गांव
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अंगना पधारे 'राम', झूम उठा गांव


उदयपुर, 15 नवम्बर (हि. स.)। उदयपुर जिले की मावली तहसील के पलाना खुर्द गांव बुधवार को इस तरह झूम उठा मानो राम उनके अंगना पधारे। दर्शन करने और आशीर्वाद पाने की होड़ मच गई। पुष्पवर्षा और जयकारों की झड़ी लग गई।

अवसर था नानी बाई का मायरा कथा से एक दिन पूर्व पधारे कथाव्यास अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के विद्वान संत रमतारामजी महाराज के कृपा पात्र शिष्य दिग्विजयरामजी महाराज के आगमन का। सोने पे सुहागा वाली बात यह रही कि स्वयं संत रमतारामजी महाराज भी पधारे। संतद्वय की अगवानी में गांव उमड़ पड़ा। उन्हें गाजे-बाजे के साथ गांव में मंगल प्रवेश करवाया गया और गांव के मध्य स्थित चारभुजा नाथ जी के मंदिर में ले जाया गया। वहां पर दर्शनोपरांत वे गांव में स्थित रामद्वारा पधारे और वहां पर भक्तों को आशीर्वचन प्रदान किया। इस दौरान महिलाओं ने मंगल आरती की और भक्तिगीतों पर नृत्य किया।

कथा आयोजनकर्ता माहेश्वरी समाज पलाना खुर्द के प्रबुद्धजनों ने बताया कि गुरुवार से शुरू होने जा रही तीन दिवसीय कथा गांव के सतीमाताजी के स्थान पर होगी जहां विशाल पाण्डाल द्वारिकाधाम बनाया गया है। कथा 16 नवम्बर को दोपहर एक बजे शुरू होगी। कथा से पहले सुबह 11 बजे भव्य कलशयात्रा निकलेगी। कलशयात्रा गांव में स्थित चारभुजानाथ मंदिर से शुरू होकर कथा स्थल तक जाएगी। कथा का समय दोपहर एक बजे से अपराह्न 4.30 बजे तक का रहेगा। तीन दिवसीय कथा के दौरान पहले दिन शाम को हर घर राम-जय जय राम कार्यक्रम होगा। दूसरे दिन शाम को पारम्परिक गरबा रास का आयोजन रखा गया है जिसमें धार्मिक व पारम्परिक भक्तिगीतों पर गरबा होगा। कथा के दौरान गांव में प्रभातफेरी भी निकाली जाएगी। कथा के तीसरे व अंतिम दिन 18 नवम्बर को कथा का समय प्रातः 10 बजे से 2 बजे का रहेगा। दोपहर 2 बजे से सामूहिक प्रसादी का कार्यक्रम रहेगा।

कथा को लेकर गांव को फर्रियों, पताकाओं और रोशनी से सजाया गया है। कथा के निमित्त अन्य नगरों-महानगरों में रहने वाले पलानावासी समाजजन गांव पहुंच चुके हैं। गांव में मानो दीपावली सी रौनक नजर आ रही है। स्वयं पलानावासी कह रहे हैं कि बरसों बाद ऐसा अवसर आया है जब दीपावली पर इस तरह की कथा का वृहद आयोजन हो रहा है जिसमें गांव का हर परिवार शामिल हो रहा है। इस बार की दीपावली और यह कथा महोत्सव सभी की स्मृतियों में रहने वाला है। सभी ने इस कथा महोत्सव को आध्यात्मिक, आत्मीय, स्नेह एवं प्रेम के महायज्ञ की संज्ञा दी है। इस कथा के निमित्त सभी परिवार तो आ ही रहे हैं, गांव की बहन-बेटियों, सगे-सम्बन्धियों, इष्टमित्रों के परिवारों को भी आने का न्यौता दिया गया है। पलाना खुर्द में माहेश्वरी समाज के मूल परिवार 94 हैं और सम्पूर्ण भारतवर्ष में यहां से जाकर बसे परिवारों की संख्या 353 है।

उल्लेखनीय है कि संत दिग्विजयरामजी महाराज (रामद्वारा चित्तौड़गढ़) अब तक 61 कथाएं कर चुके हैं। 10 जून 2016 को उन्होंने प्रथम कथा की थी। पलाना खुर्द में उनकी 62वीं कथा होगी। उल्लेखनीय है कि पलाना खुर्द को बसे हुए करीब 300 वर्ष हुए हैं, यह अवसर भी महत्वपूर्ण हो गया है। ऐसे में इस कथा महोत्सव को पलाना खुर्द के त्रिशताब्दी महोत्सव के रूप में भी देखा जा रहा है। समाजजनों ने इस महोत्सव को आध्यात्मिक, आत्मीय, स्नेह एवं प्रेम के महायज्ञ की संज्ञा दी है। यह भी उल्लेखनीय है कि कथा व्यास माहेश्वरी कुल में जन्म लेकर रामस्नेही सम्प्रदाय में दीक्षित हुए और संन्यास का मार्ग अपनाया।

आयोजन के मद्देनजर पलाना खुर्द का हर घर दमक रहा है। लगभग सभी घरों पर विद्युत सज्जा की गई है। खास बात यह भी है कि नई पीढ़ी के कई बच्चे भी अपने दादा-नाना के गांव में पहली बार या लम्बे समय बाद आए हैं।

हिंदुस्थान समाचार/सुनीता कौशल/ईश्वर

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