गोविन्द देवजी मंदिर में नानी बाई को मायरो शुरू
जयपुर, 30 अगस्त (हि.स.)। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर के सत्संग भवन में शुक्रवार को मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में संगीतमय नानी बाई का मायरा कथा का शुभारंभ हुआ।
व्यासपीठ से पं. उमेश व्यास महाराज ने संगीतमय कथा श्रवण कराते हुए कहा कि हृदय दूसरे के दुख को देखते ही द्रवित हो जाए वही संत हैं। असली संत के दर्शन करने हैं तो गौ माता में करें। गौ हत्या बंद हो इसके लिए सबको प्रयत्न करना चाहिए। गौ माता की तन-मन- धन से सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रसन्नता में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। प्रसन्न व्यक्ति बड़े से बड़ा काम आसानी से कर सकता है। उन्होंने कहा कि नानी बाई का मायरा सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है पर उसका मूल उद्देश्य ठाकुरजी के प्रति नरसीजी जैसा विश्वास पैदा करना है। प्रसंग के अनुसार नरसी नानी बाई के ससुराल से आई कुमकुम पत्री पढक़र प्रसंन्न हुए। क्योंकि उन्हें भगवान पर विश्वास था। वे गाने लगे ऊपर नाम लिखयो वो तो मायरो भरसी, नीचे नाम नरसी लैरो भजन करसी...भजन गाने लगे। भजन की स्वर लहरियों पर सत्संग भवन में उपस्थित श्रोता नृत्य करने लगे।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक चेतन अग्रवाल ने बताया कि प्रारंभ में कथा के मुख्य यजमान रतन लाल अग्रवाल, सुशीला देवी अग्रवाल, प्रधान यजमान दिलीप सिंह पुष्पा कंवर ने व्यासपीठ का पूजन किया। चांदपोल बाजार स्थित मंदिर रामचंद्र जी के महंत नरेंद्र तिवारी, संग चल सहेली की अध्यक्ष मोना अग्रवाल ,भंवर सिंह, भवानी सिंह, दिनेश सिंह ने व्यासपीठ की आरती उतारी।
कथा के दौरान नरसी भगत की सजीव झांकी सजाई गई। कथा एक सितंबर तक प्रतिदिन दोपहर एक से शाम पांच बजे तक होगी। कथा के अंतिम दिन सभी को भ्रूण हत्या नहीं करने, बेटियों को बचाने-पढ़ाने का संकल्प कराया जाएगा। कथा के दौरान विभिन्न मंदिरों के संतों-महंतों का सान्निध्य भी प्राप्त होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश
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